गृह मंत्रालय ने वंदे भारत योजना और एयर ट्रांसपोर्ट के लिए एयर बबल व्यवस्था के तहत गैर–अनुसूचित कर्मशियल फ्लाइटस पर इंटरनेशनल ट्रैवल के लिए मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया है।
एसओपी बताता है कि वंदे भारत की उड़ानों में भारत की यात्रा करने के इच्छुक व्यक्ति विदेश मंत्रालय द्वारा निर्धारित आवश्यक विवरणों के साथ देश में उन भारतीय मिशनों के साथ खुद को रजिस्ट्रेशन करेंगे जहां वे फंसे हुए हैं या रह रहे हैं। एयर ट्रांसपोर्ट बबल्स व्यवस्था के तहत काम करने वाली उड़ानों पर इस तरह के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं हो सकती है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अनुमत गैर–कर्मशियल और कर्मशियल फ्लाइटस और सैन्य मामलों के विभाग या जहाजरानी मंत्रालय द्वारा परमीशन के मुताबिक जहाज द्वारा भारत की यात्रा करेंगे। सम्मोहक मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। वाहक द्वारा निर्दिष्ट यात्रा की लागत यात्रियों द्वारा वहन की जाएगी।
इनबाउंड यात्रियों के लिए, विदेश मंत्रालय सभी यात्रियों की उड़ान या जहाज वार डेटाबेस तैयार करेगा, जिसमें विवरण जैसे नाम, आयु, लिंग, मोबाइल नंबर, निवास स्थान, अंतिम स्थान और आरटी–पीसीआर परीक्षण की जानकारी और उसका परिणाम। यह डेटाबेस मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पहले से साझा किया जाएगा।
आउटबाउंड उड़ानों के लिए, उन लोगों की श्रेणी जो यात्रा के लिए पात्र होंगे, उन्हें समय–समय पर गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति दी जाएगी। ऐसे व्यक्ति नागरिक उड्डयन मंत्रालय या इस उद्देश्य के लिए मंत्रालय द्वारा नामित एजेंसियों पर आवश्यक विवरणों के साथ डिपार्चर और अराइवल के स्थानों सहित लागू होंगे।
गौरतलब है कि इस साल की शुरूआत में कोरोना वायरस देश में फैलने के बाद मार्च के आखिरी हफ्तों में देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी जिसके बाद देश–विदेश के लिए आने और जाने वाली फ्लाइटस को रद्द कर दिया गया था और उसके बाद विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को लाने के लिए सरकार की ओर से वंदे भारत मिशन को लांच किया गया था जिसमें लाखों भारतीयों की स्वदेश वापसी हुई थी। इसके बाद सरकार की ओर से कई देशों के साथ एयर बबल व्यवस्था शुरू की गई है जिसके तहत उन देशों के बीच भारत की फ्लाइटस आ और जा सकती हैं।