नई दिल्ली (ललित नारायण कांडपाल की रिपोर्ट)– दुनिया भर में कोरोना की वैक्सीन को लेकर इंतजार हो रहा है। ये इंतजार कब पूरा होगा ये तो नहीं पता। लेकिन कई लोगों की जान बचाने वाली प्लाज्मा थेरेपी को लेकर आईसीएमआर का शोध सामने आया है जिसने चिंता बढ़ा दी है। आईसीएमआर के ताजा शोध में कहा गया है कि प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित नहीं हो रही है। ये परखने के लिए देशभर के 464 मरीजों पर इसकी जांच की गई थी।
कोरोना से जंग लड़ रहे भारत में बीते लंबे समय से आए दिन 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इन दिनों मरने वालों की तादात भी कम हो गई है। लेकिन देश के कई राज्यों में चल रही प्लाज्मा थेरेपी जो कि कई लोगों की जान बचाने में कारगर साबित हुई है, उसे लेकर आए शोध ने चिंताएं पैदा कर दी है। इस शोध को देश की अग्रणी शोध संस्थान आईसीएमआर ने किया है। आईसीएमआर का ताजा शोध कहता है कि प्लाज्मा थेरेपी कोरोना का कारगर ईलाज नहीं है।
प्लाजमा थेरेपी पर ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की स्टडी के अनुसार प्लाजमा थेरेपी कोरोना मरीज़ की मौत रोकने में कारगर नहीं है। न ही अगर किसी कोरोना मरीज़ की हालत गंभीर होती जा रही है तो उसकी हालत और बिगड़ने से रोकने में मदद करती है। इस निर्णय पर पहुंचने के लिए आईसीएमआर ने देश के 14 राज्यों के 39 अस्पतालों में 464 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया था।
Also Read- Kangana Ranaut के ऑफिस में तोड़फोड़ पर HC ने लगाई फटकार, BMC से भी मांगा जवाब
ट्रायल के लिए दो ग्रुप इंटरवेंशन और कंटोल ग्रुप बनाए गए थे. इंटरवेंशन ग्रुप में 235 कोरोना मरीज़ों को प्लाज्मा दिया गया था. तो वहीं कंटोल ग्रुप में 229 लोगों को प्लाज्मा नहीं बल्कि स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट दिया गया था. दोनों ग्रुपों को 28 दिनों तक मॉनिटर किया गया. इसके परिणामों के अनुसार 34 मरीज जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी जा रही थी उसका 13.6 फ़ीसदी मरीज जिनको प्लाज्मा थेरेपी दी गई उनकी मौत हो गई। 31 मरीज या 14.6% मरीज़ जिनको प्लाजमा थेरेपी नहीं दी गई उनकी मौत हो गई. दोंनो ग्रुप जिन पर ट्रायल किया गया था उनमें 17-17 मरीज़ की हालत गंभीर हुई है।
ऐसा नहीं है कि इसका कुछ फायदा निकलकर सामने नहीं आया। शोध के अनुसार प्लाजमा थेरेपी का थोड़ा सा फायदा जरूर दिखाई दिया है कि सांस लेने की समस्या में कुछ कमी आई और थकान भी कम हुई है. प्लाजमा थेरेपी का बुखार और खांसी जैसे लक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अब जबकि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर लगातार तेजी से कई राज्य आगे बढे हैं और कई राज्यों ने विशेष बैंक तक स्थापित कर दिया है ऐसे में देखना ये होगा कि इस शोध के बाद क्या वो कदम उठाते हैं।