लद्दाख/चुशूल (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): LAC तनाव पर सातवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने चीन को दो-टूक जल्द सैनिक पीछे हटाने और यथास्थिति बहाल करने को कहा है।बैठक में भारत ने एक बार फिर अपना पक्ष बेहद मजबूती से रखा है।
भारत-चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत के बाद संयुक्त बयान (India, China joint Statement) जारी किया गया। जिसमें दोनों पक्षों की ओर से सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी है।
हालांकि सेनाओं को पीछे हटाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
हालांकि सेनाओं को पीछे हटाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
पूर्वी लद्दाख में LAC गतिरोध के समाधान के लिए भारत ने सोमवार को चीन के साथ सातवें दौर की सैन्य वार्ता में अप्रैल पूर्व की यथास्थिति स्थापित करने और विवाद के सभी बिन्दुओं से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी करने को कहा था। यह बात सरकारी सूत्रों ने कही है।उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में कोर कमांडर स्तर की वार्ता दोपहर लगभग 12 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर चुशूल क्षेत्र में भारतीय इलाके में हुई और बैठक काफी लंबी चली।
दरअसल भारत-चीन सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है और विवाद के जल्द समाधान के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी है।सूत्रों के मुताबिक सातवे दौर की वार्ता के बारे में एजेंडा विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक प्रारूप को अंतिम रूप देने का था।
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भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव ने किया। वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी चीनी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहा।
जानकारी के मुताबिक बैठक में भारत ने एक बार फिर अपना पक्ष बेहद मजबूती से रखा है।बैठक में भारत ने साफ कहा है कि पूरी LAC पर सैन्य ताकत को कम किया जाए।वहीं चीन चाह रहा है कि एलएसी के कुछ हिस्सों पर ही सेना की मौजूदगी कम की जाए।
इससे पहले भारतीय सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त की रात पैंगोंग नदी के दक्षिणी किनारे स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था जिससे वहां भारतीय सेना की स्थिति काफी मजबूत हो गई है।