नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): करतारपुर कॉरिडोर को आज करीब 20 माह बाद दोबारा खोल दिया गया है। पहले दिन कुछ श्रद्धालु करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए रवाना भी हो गए हैं।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी 18 नवंबर को अपनी सारी कैबिनेट के साथ करतारपुर कॉरिडोर से होते हुए गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएंगे।
पहले जत्थे में कुल 250 श्रद्धालु जाएंगे और सभी यात्रियों के लिए टीकाकरण और निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट जरूरी है।
19 नवंबर को प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 552वें प्रकाश पर्व से पहले कॉरिडोर खुलने के फैसले से पूरे सिख समुदाय में खुशी है।
स्थानीय डेरा बाबा नानक के लोगों में भी खुशी की लहर है। कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 से इस गलियारे को बंद कर दिया गया था।
सभी यात्रियों के लिए टीकाकरण और निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट जरूरी है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व 19 नवंबर को श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान में ही मनाएगी।
इस दिन एसजीपीसी की ओर से ले जाए जा रहे जत्थे का पूरा खर्च शिरोमणि कमेटी उठाएगी। एसजीपीसी की प्रधान बीबी जागीर कौर के नेतृत्व में एक जत्था भी श्री करतारपुर साहिब जाएगा।
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इस फैसले को पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। पंजाब में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य रूप से सिख बिरादरी ही आंदोलनरत है। इस फैसले के जरिये सरकार ने सिख समुदाय को सकारात्मक सियासी संदेश देने की कोशिश की है।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर में मौजूद सिखों के पवित्र पूजनीय स्थल डेरा बाबा नानक से जोड़ता है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का सिखों के लिए इसलिए भी महत्व है क्योंकि इसी गुरुद्वारे में उनके गुरु नानक देव ने जीवन के आखिरी बरस बिताए थे।
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