National Girl Child Day: आज राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जानें बेटियों के मामले में कैसी है देश की स्थिति

आज का दिन पूरे देश में  राष्ट्रीय बालिका दिवस के रुप में  मनाया  जाता है । जिसकी शुरुआत महिला एंव बाल विकास मंत्रालय ने  2008 में की थी तबसे ही इसे हर साल 24जनवरी को बालिका दिवस के रुप में मनाते हैं।  इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं व बच्चियों के लिए लोगो में  समान अवसर की भावना पैदा करना है ताकि समाज में हो रहे सभी प्रकार के  भेदभाव को खत्म किया जा सके ।

 

गौरतलब है कि जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक जिसने 2011 के सर्वे का जिक्र करते हुए बताया है कि 2001 में लिंग अनुपात 898 था यानि 1000 पुरुषों में 898 महिलाएं थी जिसका आंकड़ा कुछ राहत भरा रहा यानि 1000 पुरुषों में 913  तक हुआ वही दूसरी तरफ बाल अनुपात 2001 में 956 था जो 2011 में गिरकर 920 हो गया जो बेहद चौकानें वाला है की 10 साल बाद बाल लिंग अनुपात बढ़ने के बजाय उसके विपरीत घट गया ।

 

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यह स्थिति समाज में लड़की और लड़के के प्रति उस  स्थिति को दर्शाती है जहां भेदभाव जैसी घटिया मानसिकता पाई जाती है जहां सामाजिक कारणों से बाल  महिला को  कमतर माना जाता है और पैदा होने से पहले ही मार भी दिया जाता है । यह एक आंकड़ा है लेकिन जमीनी सच्चाई इससे भी ज्यादा भयानक होती है । कई बार हम भूल जाते है कि बेटियों को लेकर हमारे मन में जो चिंता की भावना होती है, उसकी सुरक्षा को लेकर जो  डर है असल में उन समस्याओं को बनाने वाले भी हम ही होते हैं  ।

 

जन्म से लेकर किशोरी तक के सफर में कई ऐसी स्थिति सामने आई होगी जो अब आपके सामने एक कमजोरी के रुप में खड़ी है । लड़के लड़की का अंतर हम ही बनाते हुए आए है । ऐसा कई घरों में होता है कि जब बड़ी बहन बाहर जाती है तो छोटे भाई को साथ भेजा जाता है, ऐसा क्यों ? क्या आप उसे कमजोर मानते है ऐसी कई स्थिति होती है।

 

जहां हम चिंता की आड़ में एक लड़के और लकड़ी के बीच के अंतर को बहुत बड़ा कर देते है। काश उस जगह पर आपने लड़की पर भरोसा किया होता और हर समस्या से लड़ने  को तैयार किया होता तो शायद लड़कियां कमजोर नही कहलाती शायद उनके साथ रेप जैसी घटना नही होती और फिर शायद लोग लड़कियों को पैदा करने से भी नही डरते ।

 

बेटी को घर में बैठना नही लड़ना सिखाइए,  उसकी बातों को सुनिए, उस पर भरोसा रखिए जैसा बर्ताव आप लड़के साथ करते है वैसा प्यार आप बेटियों को दीजिए क्योंकि बच्चे का मानसिक विकास और उसे  बेहतर बेटी  बनाने में मां बाप को बड़ा हाथ होता है ।

 

बता दें आज के शुभ अवसर पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर राष्ट्रीय बालिका दिवस  की  बधाई दी है ।

 

इसके अलावा कई  लोग ट्वीटर पर अपनी बेटियों के प्रति प्रेम भावनाओं को प्रकट कर रहे हैं और इस दिवस को मना रहें हैं ।

 

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