भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर्स की तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस आज से शुरू

नई दिल्ली (प्रदीप कुमारी की रिपोर्ट)– चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर्स की तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस आज से दिल्ली में शुरू हो गई हैं। कॉन्फ्रेंस में समुद्री सुरक्षा और हिन्द महासागर में ताकत बढ़ाने और भविष्य की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।। नौसेना कमांडर सम्मेलन में शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए नौसेना की सराहना की है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन के दौरान उन्होंने शीर्ष नौसेना कमांडरों को संबोधित किया। इस सम्मेलन के बाद उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। राजनाथ ने ट्वीट में लिखा- आज नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लिया। मैं राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा में उनकी भूमिका के लिए भारतीय नौसेना की सराहना करता हूं। उन्होंने लिखा कि मुझे अपने जहाजों और विमानों को तैनात करने में सक्रिय प्रतिक्रिया के माध्यम से किसी भी चुनौती को पूरा करने के लिए नौसेना की तैयारियों पर पूरा भरोसा है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारतीय नौसेना ने संवेदनशील स्थानों पर नौसेना के जहाजों और विमानों को तैनात करके समुद्री हितों की रक्षा के लिए मिशन-आधारित तैनाती को प्रभावी ढंग से किया है। तैनाती ने समुद्री डोमेन जागरूकता बढ़ाने में मदद की है, तेजी से मानवीय सहायता प्रदान की है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन तेजी से अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। नौसेना ने कहा है कि उत्तरी सीमाओं पर हालिया घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि और कोरोना महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के मद्देनजर इस सम्मेलन की काफी अहमियत है। सैन्य मामलों के विभाग डीएमए की स्थापना और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस का पद आने के बाद नौसेना के कमांडरों का यह पहला सम्मेलन है।

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नौसेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में संयुक्त योजना ढांचे, तीनों सेवाओं में तालमेल और ऑपरेशनल तैयारियां बढ़ाने के उपायों के साथ-साथ कुशलता बढ़ाने के लिए नौसेना में कार्य संबंधी पुनर्गठन पर विचार किया जाएगा।

नौसेना के मुताबिक हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान समेत सभी संभावित सुरक्षा चुनौतियों पर सम्मेलन में विस्तार से विचार किया जाएगा।

दरअसल हिंद महासागर भारतीय सामरिक हितों के लिहाज से काफी अहम है और चीन लगातार क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। चीन ने दक्षिण पाकिस्तान के ग्वादर और हॉर्न ऑफ अफ्रीका के जिबूती में बंदरगाहों का निर्माण किया है। पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने भी चीन को साफ संकेत देते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने कई अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत और पनडुब्बियों को तैनात किया है।

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