नई दिल्ली (अनिल सिंह की रिपोर्ट)– देश भर में एक सितंबर से अनलॉक फेज 4 की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके साथ हाईवे का सफर महंगा हो जाएगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टोल टैक्स में आठ प्रतिशत बढ़ाने का एलान किया है। हल्के वाहनों पर एक तरफ के लिए प्रति वाहन पांच रुपये व कामर्शियल वाहनों पर 15 से 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। कोरोना काल मे बढ़ रहे टोल टैक्स का ट्रांसपोर्टरों ने विरोध किया है।
कोरोना काल में एक ओर जहां बेरोजगारी दर बढ़ रही है। तो वहीं सड़क यात्रियों को अगले महीने से टोल प्लाजा पर अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। सरकार टोल टैक्स की दरों में 5 से 8 फीसदी तक इजाफा करने जा रही है। इससे प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों को अगल-अगल टोल टैक्स दरों के मुताबिक भुगतान करना होगा। देशभर में 563 टोल प्लाजा हैं।
ट्रांसपोर्टरों ने किया विरोध
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कोरोना काल मे बाजार में पहले ही काम नहीं है । जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टरों को ट्रकों की किस्त निकालना मुश्किल पड़ रहा है । ऐसे में अगर सरकार टोल टैक्स बढ़ाती है तो इससे ट्रांसपोर्टरों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।
Also Read: National Sports Day- जब हिटलर ने जर्मनी से खेलने को कहा तो मेजर ध्यानचंद ने दिया ये जवाब…
एनएचएआई और कंपनी के साथ हुए मॉडल कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट के मुताबिक साल भर में टोल की दरें दो बार बढ़ाई जाती हैं। लेकिन एक टोल प्लाजा पर साल में एक बार ही दरें बढ़ती हैं। एमसीए के मुताबिक इस साल भी एक सितंबर से तमाम टोल प्लाजा पर टोल की दरें बढ़ाई जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में 66 टोल प्लाजा हैं।जबकि बिहार में 19, झारखंड में चार और उत्तराखंड में दो टोल प्लाजा हैं। इन टोल प्लाजा से गुजरने वाले प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों पर 5-10 रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। जिसका भुगतान जनता को उठाना पड़ेगा।
टोल प्लाजा पर टोल टैक्स को लेकर ट्रांसपोर्टर पहले भी सरकार से टोल टैक्स कम करने की फरियाद करते रहे हैं ।लेकिन एक बार फिर से टोल प्लाजा पर टोल टैक्स बढ़ रहा है तो ऐसे में महंगाई बढ़ना भी लाजमी है।