नई दिल्ली: आज का जमाना ऑनलाइन का है, सभी चीजें हमें आराम से घर बैठे-बैठे मिल जाती हैं। लेकिन कभी-कभी इनमें शिकायत भी आती रहती है, तो इसी के चलते सरकार इसमें कुछ नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है।
ऑनलाइन रिटेलर्स द्वारा बाजार में अपनी पैठ जमाने और भारी भरकम छूट की शिकायत छोटे कारोबारियों द्वारा की जाती रही है।
इस शिकायत के बाद भारत में एमेजॉन और फिल्पकार्ट जैसी ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस पर सरकार सख्त रवैया अपनाने की तैयारी कर रही है।
मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों में बदलाव के मुताबिक, ई-कॉमर्स फर्मों को पर्याप्त शिकायत तंत्र बनाने और मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा।
इसके अलावा इन कंपनियों को एक निवासी शिकायत अधिकारी भी नियुक्त करना होगा। यह अधिकारी भारत का निवासी होना चाहिए। साथ ही नोडल अधिकारी भी रखना होगा।
सरकार स्थानीय उत्पादों की बिक्री को प्राथमिकता देना, ई-रिटेलरों का उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग के पास अनिवार्य रजिस्ट्रेशन जैसे नियम शामिल हैं।
केंद्र सरकार के इस कदम का मकसद ग्राहकों के प्रति कंपनियों को जवाबदेह बनाना और व्यवस्थाओं को सख्त बनाना है।
प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, जांच करने और सरकारी एजेंसी से आदेश मिलने के 72 घंटे के भीतर सूचना मुहैया करानी होगी।
उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को पहली बार पिछले साल जुलाई में नोटिफाई किया गया था। मंत्रालय ने कहा है कि उद्योग निकाय और ई-कॉमर्स फर्मों के लिए प्रस्तावित नियमों पर अपना सुझाव और टिप्पणी 6 जुलाई तक भेज सकते हैं।