नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): देश में बढ़ते कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसमें कोरोना महामारी ओर यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर हुए असर को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने तेल की महंगाई को लेकर राज्य सरकारों को निशाने पर लिया। देश में कोरोना के केस एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। दिल्ली, यूपी, कर्नाटक समेत 10 राज्य ऐसे हैं जहां खतरे के संकेत मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की।
राज्य के मुख्यमंत्री के साथ इस वर्चुअल बैठक में महामारी ओर यूक्रेन-रूस जंग के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर हुए असर को लेकर भी चर्चा हुई। PM मोदी ने राज्यों से उनके हिस्से का टैक्स घटाने की अपील की है, ताकि जनता पर महंगाई का बोझ कम किया जा सके।इस दौरान पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर विरोधी राज्य सरकारों पर निशाना साधा। पीएम ने कई राज्यों में कीमतों का अंतर गिनाया।
पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई में पेट्रोल 120 रुपए लीटर, जबकि पड़ोस के ही केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव में यह 102 रुपए है। तमिलनाडु में 111 रुपए, जयपुर में 118 रुपए लीटर है। पीएम मोदी ने नवंबर में केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने का हवाला देकर राज्य सरकारों से पेट्रोल डीजल पर टैक्स घटाने की अपील की ताकि जनता को राहत मिल सके।
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इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट नहीं घटाकर अपने नागरिकों को लाभ नहीं दिया और राजस्व कमाया है।इस दौरान पीएम मोदी ने युद्ध के माहौल में चुनौतियों पर केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया। राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ अपने संवाद में पीएम मोदी ने कोरोना से अलर्ट रहने की सलाह दी। साथ ही कहा कि तीसरी लहर से हमने बहुत कुछ सीखा। दो साल के भीतर देश ने हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन तक पर काम किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों को उसी प्रभावी स्तर पर ‘टेस्ट, ट्रैक और इलाज’ के कार्यान्वयन पर जोर दिया, जैसाकि देश में पहले की कोरोना की लहरों के दौरान किया गया था। पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन ड्राइव की तारीफ करते हुए कहा कि तीसरी लहर में वैक्सीनेशन ने बचाए रखा। 96 प्रतिशत आबादी को पहली डोज, 15 साल से ऊपर 85 प्रतिशत को दूसरी डोज लग चुकी है। पीएम ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन को सबसे बड़ा सुरक्षा कवच बताया।
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इस दौरान पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों के लिए सलाह देते हुए कहा कि देश में लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं इसलिए पात्र बच्चों को भी वैक्सीन लगवाई जाये। पीएम ने टीचर्स-पेरेंट्स और बाकी एलिजिबल लोग से भी प्रिकॉशन डोज लेने को कहा। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भारत में प्रतिदिन लगभग तीन लाख मामले देखे गए और सभी राज्यों ने स्थिति को संभाला और सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए अनुमति भी दी। यह संतुलन भविष्य में भी हमारी रणनीति को सूचित करेगा। वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और हमें उनके सुझावों पर सक्रिय रूप से काम करना होगा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के आखिरी में कहा कि, बढ़ती गर्मी के समय में हम अलग-अलग स्थानों पर हम आग की बढ़ती हुई घटनाएं देख रहे हैं। पिछले साल कई अस्पतालों में आग लगी, वो बड़ी दर्दनाक स्थिति थी। मेरा सभी राज्यों से आग्रह है कि हम अभी से अस्पतालों का सेफ्टी ऑडित कराएं, सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करें।