नई दिल्ली (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): खाद्य एवं कृषि संगठन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने हाल ही में विकसित की गई 8 फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कई विषयों पर अपनी बात रखी।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानून को किसानों के जीवन मे बदलाव लाने वाला बड़ा कदम बताया।
पीएम ने कहा कि देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाला वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम लागू हो चुका है। हाल में 3 बड़े कृषि सुधार हुए हैं, वो देश के एग्रीकल्चर क्षेत्र के सुधार और किसानों की आय बढ़ाने में बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
पीएम मोदी ने कहा कि छोटे किसानों को ताकत देने के लिए, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस यानि एफपीओ का एक बड़ा नेटवर्क देश में तैयार किया जा रहा है। भारत में अनाज की बर्बादी हमेशा से बहुत बड़ी समस्या रही है। अब जब आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया गया है, इससे स्थितियां बदलेंगी।
नए कृषि कानून में एमएसपी को लेकर चल रहे विवाद का इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने एक बार फिर कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम एमएसपी के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। एमएसपी और सरकारी खरीद, देश की फूड सिक्योरिटी का अहम हिस्सा हैं। इसलिए इनका जारी रहना स्वभाविक है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में निरंतर ऐसे रिफॉर्म्स किए जा रहे हैं जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति भारत के कमिटमेंट को दिखाते हैं। खेती और किसान को सशक्त करने से लेकर भारत के सार्वजनिक वितरण प्रणाली तक में एक के बाद एक सुधार किए जा रहे हैं
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत का किसान सशक्त होगा, उसकी आय बढ़ेगी तो कुपोषण के खिलाफ अभियान को भी उतना ही बल मिलेगा। मुझे विश्वास है कि भारत और एफएओ के बीच बढ़ता तालमेल इस अभियान को और गति देगा।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ महीनों में पूरे विश्व में कोरोना संकट के दौरान भुखमरी-कुपोषण को लेकर अनेक तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स अपनी चिंताएं जता रहे हैं कि क्या होगा, कैसे होगा? इन चिंताओं के बीच, भारत पिछले 7-8 महीनों से लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में पोषण अभियान को ताकत देने वाला एक और अहम कदम आज उठाया गया है। आज गेहूं और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी, देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित करने के प्रस्ताव के पीछे भी कुछ इसी तरह की भावना है। इससे भारत ही नहीं विश्व भर को दो बड़े फायदे होंगे।
इसके साथ ही अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लड़कियों की शादी की उम्र तय करने को लेकर भी बड़ा बयान दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बेटियों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों का ग्रॉस एनरॉलमेंट अनुपात बेटों से भी ज्यादा हो गया है। ऐसे में पीएम ने सभी बेटियों को आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत ही जल्द रिपोर्ट आते ही लड़कियों की शादी की सही उम्र पर सरकार कार्रवाई करेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश के नाम अपने संबोधन में यह बदलाव लाने की बात कही थी।