(प्रदीप कुमार): बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों को और अधिक विस्तार देने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुँच गयी है। नयी दिल्ली पहुंचने पर हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की अगवानी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नई दिल्ली आगमन पर राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करेगी।”
पीएम शेख हसीना अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगी। साथ ही वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर वार्ता करेंगी। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता के दौरान लंबित और नियमित द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा दक्षिण एशिया में रक्षा सहयोग और स्थिरता के मुद्दे पर सबसे अधिक जोर रहेगा।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान भारत से खाद्य आपूर्ति, नेपाल और भूटान माल भेजने की अनुमति की मांग कर सकती हैं। मेहमान पीएम के अजमेर जाने की भी संभावना है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच जिन समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है उनमें जल प्रबंधन, रेलवे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण संबंधी समझौते शामिल हैं।
हसीना के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री मोमेन, वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी, रेल मंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान, मुक्ति युद्ध मंत्री ए के एम मोजम्मेल हक और प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों के सलाहकार मशिउर ए के एम रहमान शामिल हैं। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की यह यात्रा मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों और आपसी विश्वास और समझ के आधार पर दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करेगी
जानकारी के मुताबिक, पीएम शेख हसीना आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा राजस्थान के अजमेर शरीफ और दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह भी जाएंगी।
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भारत और बांग्लादेश के बीच समग्र रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। पिछले साल मार्च में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और पड़ोसी देश के मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बांग्लादेश की यात्रा की थी। घनिष्ठ संबंधों के तहत, भारत ने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए 1971 में हुए युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर कई कार्यक्रमों की मेजबानी की।