(प्रदीप कुमार): राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने की खबरों के बाद राजनीति शुरू हो गई है। इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। मोदी सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का फैसला किया है। इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की पूरी सड़क और क्षेत्र कर्तव्यपथ के नाम से जाना जाएगा। ब्रिटिश शासन के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था।
जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने सात सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। इस दौरान नाम बदलने के प्रस्ताव को परिषद के सामने रखा जाएगा। सरकार के इस प्रस्ताव पर अलग अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार के फैसले पर ट्वीट करते कहा कि वैसे राजपथ का नाम बदलना ही था तो ‘राजधर्म’ पथ कर देते। अटल जी की आत्मा को अवश्य शांति मिलती। विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा कि, यह क्या हो रहा है? क्या भाजपा ने हमारी संस्कृति को बदलने का अपना एक मात्र कर्तव्य बना लिया है।
आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने राजपथ का नाम कर्तव्य पथ किए जाने पर सरकार को घेरा है। मनोज झा ने बतंज कसते हुए कहा कि, “पहले रेस कोर्स रोड लोक कल्याण मार्ग बना और अब राजपथ कर्तव्य पथ हो चला, लेकिन आज की सबसे बड़ी चुनौतियों मसलन बेरोज़गारी,मंहगाई/बिगड़ते सामाजिक सौहार्द पर इसका पॉजिटिव प्रभाव हो तो सब स्वीकार्य है। लोकोन्मुख सरोकारों पर चुप्पी और काबिलियत सिर्फ सड़कों के नाम बदलने की हो तो क्या कहें?” वहीं कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने इस फैसले के लिए मोदी सरकार की तारीफ की है।
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मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा कि कर्तव्य पथ उस सड़क का उपयुक्त नाम है जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर तक जाती है। यह हर जगह लोक सेवकों के लिए एक अनुस्मारक के रूप में काम करे कि धर्म और कर्तव्य लोक सेवा का आधार हैं। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष और बीजेपी नेता सतीश उपाध्याय ने कहा कि हम सेंट्रल विस्टा और राजपथ खंड का नाम बदलकर कर्तव्य पथ पर चर्चा करने के लिए 7 सितंबर को एक विशेष बैठक बुला रहे हैं।