हरियाणा में पराली को चारे के रूप में प्रयोग करने की प्रक्रिया में तेजी

हरियाणा(रिपोर्ट-सुनील जिंदल)- गोहाना में पराली जलाने के मामलों में पिछले साल की तुलना में  कमी आई है । किसान अपने खेतों से पराली को 15 सौ रुपए में बाहर से आने वाले व्यापारियों को बेच कर मुनाफा कमा रहे है। दिल्ली से पराली को खरीदने के लिए खरीदार गोहाना आ रहे है जहाँ से गांव गांव जाकर पराली को एक स्थान पर इकट्ठा कर पराली का चारा बनाकर उसे में बेचने के लिए  दिल्ली में  ले जाया जाता है। जिससे  अब सरकार द्वारा पराली खरीदने से वायु प्रदूषण की समस्या से तो निजात मिलेगा ही साथ में किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।गोहाना में हरियाणा सरकार के राज्य सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर प्रदूषण को रोकने के कदम पर सवाल किया तो डॉ बनवारी लाल ने कहा कि सरकार किसानों से उनकी पराली 120 रूपये प्रति किवंटल के हिसाब से खरीदें जिससे किसानो को  मुनाफा होगा ।

लगातार बढ़ रही है पराली की डिमांड-

गौरतलब है की पहले जिस पराली को किसान पशुओं के  चारा लायक तक नहीं समझते थे अब वही पराली सबसे ज्यादा पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग होने लगी है। तुड़ी की कमी के कारण पराली की महत्वता और डिमांड हर वर्ष बढ़ रही है, न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण स्तर पर भी लोग चारे के रूप में पराली का प्रयोग कर रहे  हैं।फिलहाल इस समय पराली का जमकर भंडारण किया जा रहा है और बाद में इस भंडार की गई पराली को समय समय पर काट कर चारे में बदल कर दिल्ली की मंडियों में अच्छे दामों पर  बेच दिया जाएगा । ऐसे व्यपारियों की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है साथ ही  पराली की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है बावजूद इसके अब  भी कुछ किसान खेतों में पराली को आग लगा रहे  हैं ।

पराली नहीं जलाने को लेकर हरियाणा सरकार का क्या है फैसला-

हांलाकि प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष और पराली को जलाने को लेकर जुर्माने का प्रावधान और जागरूकता अभियान लगातार चलाए जा रहे है।उसी का परिणाम है की  पिछले साल की तुलना में इस बार पराली जलाने के मामले बहुत कम नजर आए हैं। पराली को खरीदने के लिए बाहर से आने वाले व्यापारी किसानों से सीधा संपर्क कर लेते हैं और फसल काटते ही उसे अपनी ट्राली में मजदूरों की सहायता से किसी एक जगह पर ले जाकर सैकड़ों एकड़ की पराली को  इकट्ठा कर लेते हैं। बाद में यह लोग पराली को काटकर चारे में तब्दील कर लेते हैं।
हरियाणा के राज्य सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि किसानों को पराली नहीं जलाने को लेकर हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फैसला लिया है की धान की पराली  किसानों से सरकार 120 रूपये प्रति किवंटल के हिसाब से खरीदेगी  साथ ही पराली के गठ्ठे बना कर कोयले की जगह पर थर्मल प्लांट के रुप में इसे इस्तेमाल किया जाएगा इसके अलावा  ईंट भट्ठो को ईंधन के रूप से  भी पराली की सप्लाई की जायेगी।
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