Sri Lanka Crisis: राष्ट्रपति गोटबाया सैन्य जेट से भागे मालदीव, भारतीय उच्चायोग ने जारी किया बयान

गोटबाया राजपक्षे

नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद प्रदर्शन भड़क गए हैं। इस बीच गोटबाया राजपक्षे को देश से भागने में मदद करने संबंधी खबरों को भारत ने खारिज किया है। श्रीलंका इन दिनों एतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां के राष्ट्रपति भवन पर जनता ने कब्जा जमा लिया है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे आज सुबह कोलंबो से मालदीव भाग निकले हैं।

वायुसेना के विशेष विमान से वह अपनी पत्नी व दो अंगरक्षकों के साथ मुल्क से फरार हो गए हैं। आज गोटबाया को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा भी देना था। राष्ट्रपति के देश छोड़ने की खबरों से प्रदर्शनकारी फिर से भड़क गए है। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी संसद और प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गए वहां सेना और प्रदर्शनकारी आमने-सामने दिखे। इस बीच श्रीलंका में आपातकाल लागू कर दिया गया है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने सरकारी न्यूज चैनल रूपावाहिनी पर कब्जा कर लिया। कोलंबों में रूपावाहिनी चैनल के अंदर भारी भीड़ घुस गई और कछ लोगों ने बाहर से दफ्तर का घेराव कर लिया. इस दौरान ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं कि कुछ प्रदर्शनकारी न्यूज चैनल पर एंकरिंग करते नजर आए।

कोलंबो में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में सैन्य कर्मियों की तैनाती की गई है। मौके पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कोलंबो में प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ता देखकर सुरक्षाकर्मियों ने उनपर आंसू गैस के गोले भी दागे। श्रीलंका में ताजा प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब यह खबर सामने आयी कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर फरार हो गए हैं। उनके मालदीव पहुंचने की खबर है। जानकारी के मुताबिक, गोटाबाया एयरफोर्स के विमान से अपनी पत्नी और दो बॉडी गार्ड के साथ मालदीव के लिए रवाना हुए हैं।रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव के स्थानीय समय के अनुसार आधी रात 3 बजे गोटाबाया राजपक्षे का सैनिक विमान मालदीव की राजधानी माले में लैंड हो गया।

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इधर गोटबाया राजपक्षे को देश से भागने में मदद करने संबंधी खबरों को भारत ने खारिज किया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा था कि गोटबाया को भगाने में भारत का हाथ है। हालांकि श्रीलंका में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने इन सभी दावों और सोशल मीडिया पर आ रही खबरों को खारिज किया है। श्रीलंका में भारतीय उच्‍चायोग ने ट्वीट करके कहा कि ‘उच्‍चायोग आधारहीन और अटकलों पर आधारित मीडिया में आई उन खबरों को खारिज करता है जिनमे ये कहा जा रहा है कि भारत ने गोटाबाया राजपक्षे और बासिल राजपक्षे के श्रीलंका छोड़कर जाने में मदद की।

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उच्चायोग ने कहा, ‘यह बार बार कहा गया है कि भारत श्रीलंका की जनता का समर्थन करता रहेगा क्‍योंकि वो समृद्धि की अपनी आकांक्षा को पूरा करना चाहते हैं। साथ ही लोकतांत्रिक तरीके और मूल्‍यों के जरिए प्रगति चाहते हैं और लोकतांत्रिक संस्‍थान और संवैधानिक ढांचा विकस‍ित करना चाहते हैं।

दरअसल, देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण श्रीलंका के लोगों में राजपक्षे के खिलाफ भारी गुस्सा है। कुछ दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद से गोटाबाया के नेवल शिप पर छिपे होने की खबरें आ रही थीं। इमिग्रेशन अफसरों ने यह जानकारी दी है कि राजपक्षे, उनकी पत्‍नी और बॉडीगार्ड के साथ अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ने वाले सैन्‍य विमान एंटोनोव 32 में बैठे थे। अफसरों के मुताबिक, राजपक्षे का विमान पड़ोसी देश मालदीव में उतरा है। इससे पहले भी राजपक्षे परिवार ने देश छोड़ने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी।

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