दिल्ली(प्रदीप कुमार):संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सेंट्रल हॉल में अपना संबोधन दिया और पीएम मोदी ने कहा, आज का दिन बाबा अंबेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद को नमन का है और कभी इसी पवित्र जगह पर महीनों तक कुछ लोगों ने भारत के कुशल भविष्य के लिए मंथन किया था, इस दौरान पीएम मोदी ने मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आज ही के दिन 26/11 आतंकी घटना को भी अंजाम दिया गया था।
सुरक्षाबलों ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था आजादी के आंदोलन में जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया, उन सबको भी नमन करता हूं, इस मौके पर पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम से गैरहाज़िर रहे राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत अब एक संकट की ओर बढ़ रहा है, जो कि संविधान पर भरोसा रखने वालों के लिए बड़ी चिंता की बात है, कांग्रेस समेत 14 राजनीतिक दलों के कार्यक्रम में ना आने पर पीएम मोदी ने कहा कि “इस कदम से संविधान की भावना को चोट पहुंची है और इसकी एक-एक धारा को चोट पहुंची है।”
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इस दौरान पीएम मोदी ने वंशवाद की राजनीति पर हमला बोलते हुए कहा कि, “तब जबकि राजनीतिक दल लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं, एक राजनीतिक दल, पार्टी- फॉर द फैमिली, पार्टी- बाय द फैमिली है, आगे कहने की जरूरत नहीं लगती।
इस दौरान पीएम मोदी ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि, “अगर कोई राजनीतिक दल- पीढ़ी दर पीढ़ी, एक ही परिवार द्वारा संचालित हो रहा है, तो वह लोकतंत्र के लिए खतरा बन जाता है, हालांकि पीएम मोदी ने कहा कि वंशवादी राजनीति का अर्थ यह नहीं कि किसी परिवार का कोई व्यक्ति राजनीति में नहीं आ सकता, अपने सामर्थ्य और लोगों के आशीर्वाद से कोई भी राजनीति में शामिल हो सकता है।
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इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, अगर एक पार्टी कई पीढ़ियों तक एक ही परिवार के हाथ में रही, तो यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यह संविधान के सिद्धातों के खिलाफ है, उसके बिल्कुल उलट जो संविधान हमें बताता है।
संविधान दिवस समारोह में पीएम मोदी ने कहा, हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है और इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी, अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता।
संविधान दिवस के इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान सभा की चर्चाओं का डिजिटल संस्करण जारी किया और संवैधानिक लोकतंत्र पर आधारित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया और साथ ही राष्ट्रपति ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने में देश का नेतृत्व किया।