हरियाणा: भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत कमेटी से बाहर कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार उन पर राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात और खुद अपनी तरफ से कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप लगा है।
वहीं, उन्हें 19 जनवरी को किसानों और केंद्र सरकार से होने वाली बैठक से भी बाहर रखा जाएगा। कुरुक्षेत्र जिला के उपमंडल शाहबाद के गांव चढूनी में रहने वाले भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसानों की आवाज लगातार उठाते रहते हैं।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों को एकत्रित करने में गुरनाम सिंह चढूनी की अहम भूमिका रही है। गुरनाम सिंह चढूनी पर अब तक 34 मामले दर्ज हो चुके हैं, इनमें प्रदर्शन करने, शांति भंग करने, हत्या व हत्या का प्रयास के तहत मामले दर्ज किए गए है।
किसान आंदोलनों के दौरान गुरनाम सिंह चढूनी कई बार जेल भी जा चुके हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि में जन्म गुरनाम सिंह चढूनी का परिवार राजनीति में शुरू से ही सक्रिय रहा है। इनके पिता गांव चढूनी के सरपंच रह चुके है।
संयुक्त किसान मोर्चा का यह निर्णय ऐसे वक्त सामने आया है, जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे पर अहम सुनवाई होनी है।
साथ ही 19 जनवरी को केंद्र सरकार औऱ किसान नेताओं के बीच भी बैठक होनी है। किसान नेताओं ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का भी ऐलान किया है।