दिल्ली ( विनय सिंह) : दिल्ली में लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान है, रो रहे हैं । जो लोग ऑक्सीजन का इंतजाम कर पा रहे है उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और जो लोग ऑक्सीजन का इंतजाम नही कर पा रहे हैं वे जान से हाथ धो रहे हैं ।
दिल्ली में कोरोना से बचाव के लिए ऑक्सीजन की किल्लत है । दिल्ली में हर दिन मरीजों के लिए नई चुनौती है कि वह ऑक्सीजन कहा से लाए । देश की राजधानी होते हुए दिल्ली के ये हालात है । इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से कहा है कि केंद्र के चार्ट में दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिखाया गया है जबकि दिल्ली की मांग 700 मीट्रिक टन है।
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दिल्ली औद्योगिक राज्य नहीं, इसकी स्थिति अलग है। आप इस बात पर ज़ोर मत दीजिए कि ऑक्सीजन सप्लाई को उठाने की क्षमता नहीं। आप मदद कीजिए। दिल्ली पूरे देश का प्रतिनिधित्व करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ नहीं किया गया अभी से तो सोमवार तक 500 मौत हो जाएगी । जिस पर सॉलिसीटर ने जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली को सप्लाई बढ़ाने के लिए कहीं और कमी करनी पड़ेगी। दिल्ली में कोविड से हो रही हर मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन से मर रहे लोगो की स्थिति के रखते हुए कहा कि आप केंद्र सरकार होने के नाते दिल्ली के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।
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