सोनीपत (कविता शर्मा)। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा करने वाली सरकार के सोनीपत नगर निगम अधिकारियों पर भारी भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है। सोनीपत निवासी एक प्लॉट धारक ने बताया कि उनसे प्लॉट की चारदीवारी कराने के नाम पर ₹200000 की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। पीड़ित व्यक्ति ने अपने प्लॉट के आगे बैनर और पोस्टर लगाकर निगम अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए नारेबाजी की वहीं मामले में निगम के आला अधिकारियों का कहना है कि निगम में किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं है और अगर किसी से रिश्वत मांगी गई है तो वह लिखित में शिकायत करें उसकी जांच कराई जाएगी। Today News Hindi,
सोनीपत नगर निगम में हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है जहां एक व्यक्ति द्वारा निगम के अधिकारियों पर प्लॉट निर्माण को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। प्लॉट धारक अजय दहिया ने बताया कि मुरथल रोड पर 25 वर्ष पहले उनके पिताजी ने यह प्लॉट खरीदा था। जिसके एक साइड पर स्कूल बना हुआ है और दूसरी तरफ एक दुकान है। उन्होंने बताया कि उनका प्लॉट खाली पड़ा होने के कारण आस-पड़ोस के लोग उस प्लॉट में गंदगी डाल देते थे। जिसके कारण उन्होंने अपने प्लॉट की चारदीवारी करनी चाहिए। उन्होंने जैसे ही कार्य शुरू किया निगम अधिकारी मातरम से और मर के निर्माण को अवैध बताकर तोड़ कर चले गए। उन्होंने बताया कि उसके पश्चात उनसे काम कराने के नाम पर ₹200000 की मांग की गई। और इसके साथ-साथ अधिकारियों की ओर से निर्देश दिए गए कि 200000 देने के पश्चात में उन्हें 4 महीने में अपना कार्य पूरा करना है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में मेयर और अन्य नेता भ्रष्टाचार को लेकर कोई परवाह ही नहीं करते। Today News Hindi,
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निगम अधिकारी अपूर्व चौधरी (जिला नगर आयुक्त) ने बताया कि उनके संज्ञान में मामला आया है। जिसको देखने के लिए निगम की ओर से बिल्डिंग इंस्पेक्टर वहां पर गए थे और उन्होंने बताया कि वहां पर अवैध रूप से निर्माण कार्य चल रहा है जिसको हटाया गया है। वैदिक आर्य निर्माण हटाने के पश्चात प्लॉट दल द्वारा वहां पर धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है और कुछ रिश्वत की भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कुछ मामला है तो वह हमें लिखित में शिकायत दे हम उसकी जांच करेंगे। Today News Hindi,
पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि नगर निगम में हर काम के लिए लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है लेकिन इसकी तरफ ना तो मेयर और ना ही स्थानीय विधायक का ध्यान है, वहीं सरकार भ्रष्टाचार मुक्त होने का दम भर रही है। लेकिन सोनीपत के नगर निगम में हालात बिलकुल उलट हैं। पीड़ित ने पूरे मामले की जांच और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। Today News Hindi,