(प्रियांशी श्रीवास्तव) : कार्तिक पूर्णिमा यानि आज का दिन स्नान से शुरू दीपदान पर खत्म होता है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन स्नान और दान का है जो कि एक अलग ही महत्व होता है। इसी दिन देव दीपावली मनाई जाती है साथ ही तुलसी विवाह भी होता है। मानो आज ही धरा पर कई त्योहारों का संगम होता हो है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन देवी-देवताओं को खुश करने का दिन होता है।
पूर्णिमा तिथि 07 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 08 नवंबर को शाम 04 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान का शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 31 मिनट तक है। दान करने का शुभ समय 8 नवंबर को सूर्यास्त से पहले तक है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में किसी नदी या तालाब में दीपदान करने का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी नदी या तालाब में दीपक प्रज्वलित करें। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप दान करने से घर में खुशहाली व सुख-समृद्धि आती है।
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देने का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है.। ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से लाभ होता है. इसके अलावा इस दिन दीपदान और तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए।
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