दिल्ली सरकार के आदेश का उल्‍लंघन, एक निजी स्कूल ने बढ़ाई फीस

नई दिल्ली: राजधानी के एक निजी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि प्राधिकारियों ने फीस बढ़ा दी है जो अगस्त से प्रभावी है जबकि दिल्ली सरकार के एक आदेश में स्कूल के फिर से खुलने तक ऐसी किसी बढ़ोतरी पर रोक लगाई गई है।

स्कूल खुलने तक नहीं बढ़नी थी फीस दिल्ली सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे तब तक फीस नहीं बढ़ाएं, जब तक कोविड-19 के चलते बंद स्कूल फिर से नहीं खुलते।

दिल्ली सरकार ने साथ ही यह भी कहा था कि स्कूल विकास शुल्क और वार्षिक फीस के नाम पर कोई प्रभार नहीं लगाएं। अभिभावकों ने डीपीएस आर के पुरम के कदम के खिलाफ शिक्षा निदेशालय का रुख किया है और साथ ही उसकी दो शाखाओं के फीस ढांचे में असमानताओं का भी आरोप लगाया है।

Also Read पांचवें दिन भी डीजल सस्ता हुआ, पेट्रोल के दाम में बदलाव नहीं

वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल ने अभिभावकों को सूचित किया है कि उनकी चिंताओं को डीपीएस सोसाइटी के सामने उठाया गया है। स्कूल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि फीस के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका लंबित है।

एक अभिभावक ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि स्कूल वार्षिक या विकास शुल्क नहीं ले रहा है, लेकिन उन्होंने शिक्षण शुल्क में वृद्धि की है।

नई रसीदों में कुछ संदिग्ध मद हैं जैसे परिचालन शुल्क और रखरखाव शुल्क। उन्होंने कहा कि जब स्कूल बंद हैं तो वे क्या रखरखाव कर रहे हैं? नौ हजार से अब हमें 13 हजार रुपये शिक्षण शुल्क ही भुगतान करना है।

Also Read मेयर जयप्रकाश की इस घोषणा के बाद MCD कर्मचारियों का धरना खत्म !

एक अन्य अभिभावक ने कहा कि उन्होंने इस पर चर्चा के लिए स्कूल प्रशासन से कई बार समय मांगा लेकिन कोई समय नहीं दिया गया। एक अन्य अभिभावक ने आरोप लगाया कि स्कूल की दो जूनियर शाखाएं हैं, एक वसंत कुंज और एक ईस्ट आफ कैलाश।

एक ही स्कूल की दो शाखाओं में दो अलग अलग फीस ढांचा कैसे हो सकता है। डीपीएस के वकील पुनीत मित्तल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा फीस बढ़ोतरी की अनुमति नहीं देने को लेकर एक मामला अदालत के सामने लॉकडाउन लागू होने से पहले से लंबित है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *