कृषि बिल पर सियासी संग्राम, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के चाय, चिट्ठी और उपवास के क्या हैं सियासी मायने ?

दिल्ली। (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार) कृषि बिल पर राज्यसभा से निलंबित होने के बाद धरना दे रहे सांसदों के धरने में हरिवंश की एंट्री ने बिहार चुनाव का एंगल भी जोड़ दिया। हरिवंश की चाय और चिट्ठी की पीएम मोदी ने भी तारीफ़ की। इसी बिल पर संसद का घमासान और राज्यसभा उपसभापति की चाय और चिट्ठी ने बिहार की राजनीति को भी गरमा दिया।

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह संसद परिसर में धरने पर बैठे सांसदों के लिए सुबह-सुबह अपने घर से चाय लेकर पहुंचे, जिसे निलंबित सांसदों ने पीने से मना कर दिया । इसी के साथ हरिवंश सिंह ने राज्यसभा के सभापति को चिट्ठी लिखकर अपनी पीड़ा बयां की और कहा कि वो एक दिन का उपवास करेंगे। वहीं, हरिवंश सिंह के पीछे एनडीए मजबूती से खड़ा हुआ है और यह बताने की कोशिश कर रहा है कि विपक्ष ने उन्हें अपमानित करने का काम किया है । ऐसे में हरिवंश सिंह के चाय, चिट्ठी और उपवास के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

इससे पहले सोमवार को संसद में हंगामा करने के चलते विपक्ष के आठ सांसदों को सभापति ने निलंबित कर दिया था, जिसके बाद संसद भवन में निलंबित सांसद धरने पर बैठ गए और पूरी रात संसद परिसर में गुजार दी। ऐसे में धरने पर बैठे सांसदों के लिए आज सुबह हरिवंश सिंह अपने घर से चाय लेकर पहुंचे। हरिवंश ने सभी सांसदों के लिए चाय परोसी, लेकिन धरने पर बैठे राज्यसभा सदस्यों ने चाय पीने से इनकार कर दिया। इस पर संजय सिंह ने कहा कि वह व्यक्तिगत संबंध बनाने नहीं बल्कि किसानों की लड़ाई लड़ने आए हैं, तो टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बिहार की राजनीति के लिए हरिवंश नारायण सिंह ये सब कुछ एनडीए के इशारे पर कर रहे हैं।

इधर हरिवंश के द्वारा धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचने पर पीएम मोदी ने उनके इस व्यवहार की ट्वीट कर तारीफ की और उन्हें बड़े दिल वाला बताया। इसी के साथ पीएम मोदी ने हरिवंश की चिट्ठी ट्विटर पर शेयर की और सभी देशवासियों से इसे पढ़ने की अपील भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, कि ‘सदियों से बिहार की महान भूमि हमें लोकतंत्र के मूल्यों को सिखा रही है। उस अद्भुत लोकाचार के अनुरूप बिहार से राज्यसभा सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी के प्रेरणादायक और राजनेता जैसे आचरण हर लोकतंत्र प्रेमी को गौरवान्वित करेंगे।

दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनाव का चुनावी बिगुल कभी भी बज सकता है। किसान बिल को मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार पर हमला कर रहा हैं और बड़े आंदोलन की तैयारी में है। ऐसे में हरिवंश सिंह के पीछे एनडीए पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। हरिवंश सिंह ने अपने पत्र में बिहार का भरपूर जिक्र किया हैं। जेपी के अलावा कर्पूरी ठाकुर और अपनी ग्रामीण पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए उपसभापति हरिवंश सिंह ने इस चिट्ठी में तमाम राजनीतिक बातें भी लिखी है। ऐसे में बीजेपी के तमाम नेता हरिवंश के प्रकरण को बिहार की अस्मिता का मुद्दा बना रहे हैं । ये बिहार विधानसभा चुनाव के समीकरण को साधने की कवायद भी मानी जा रही है । हरिवंश ने चिट्ठी में अपनी पीड़ा भी बयां कर दिया है, जिससे एनडीए को राजनीतिक आधार भी मिल गया है । इसी के साथ हरिवंश ने उपवास कर पक्षपात के आरोपों का जवाब देकर अपनी छवि को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके जरिए वह विपक्ष के आरोपों पर अपने उपवास को भारी करना चाहते हैं।

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