तेहरान– ईरान के युवा रेसलर नवीद अफ़कारी को हत्या के आरोप में फांसी दे दी गई जबकि पूरी दुनिया में उसे माफ़ी देने की अपील की जा रही थी। बता दें कि 2018 के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक सुरक्षाकर्मी की हत्या को लेकर नवीद को सज़ा हुई थी।
उनका कहना था कि उन्हें यातना देकर ज़बरदस्ती जुर्म कबूल करवाया गया था। मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उनकी फांसी को न्याय पर आघात बताया है। संस्था के पास अफ़कारी की एक लीक हुई रिकॉर्डिंग है जिसमें वो कह रहे थे, “अगर मुझे फांसी पर चढ़ाया जाता है तो मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि एक निर्दोष इंसान को, जिसने कोशिश की और अपना पक्ष सुनाने के लिए पूरी हिम्मत से लड़ाई की, उसे आख़िकार फांसी दे दी गई।”
ईरान के सरकारी मीडिया ने उनकी फांसी की पुष्टि की है। उनके वकील ने बताया कि ईरान के क़ानून के उलट उन्हें मौत से पहले अपने परिवार से भी नहीं मिलने दिया गया। कील हसन यूनेसी ने ट्विटर पर लिखा है- “क्या आप इतनी जल्दी में थे कि आपने नाविद को आख़िरी विदा का भी मौक़ा नहीं दिया?”
गौरतलब है कि वर्ल्ड प्लेयर एसोसिएशन के 85 हज़ार खिलाड़ियों ने इस सज़ा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी। एसोसिएशन का कहना है कि नवीद को विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने की वजह से ग़लत तरीक़े से निशाना बनाया गया है। एसोसिएशन ने ये भी कहा था कि अगर ईरान उन्हें फांसी देता है तो खेलों की दुनिया से देश को बाहर कर दिया जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी माफ़ी के लिए अपील की थी और कहा था कि इस खिलाड़ी ने बस सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। इसके अलावा यूएस विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्विटर पर लिखा है, “एक क्रूर सरकार के हाथों हुई नवीद अफ़कारी की मौत के शोक में हम परिवार और सभी ईरानियों के साथ हैं। उनकी ज़िंदगी, उनकी मौत को भूला नहीं जाएगा।”
The Iranian regime’s execution of Navid Afkari is a vicious and cruel act. We condemn it in the strongest terms. It is an outrageous assault on human dignity, even by the despicable standards of this regime. The voices of the Iranian people will not be silenced. #نویدمان_را_کشتند
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) September 12, 2020
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमिटी (आईओसी) ने इस घटना पर निराशा जताई है और कहा है कि वे इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ हैं। अपने बयान में आईओसी ने कहा कि ‘ये बहुत दुख की बात है कि पूरी दुनिया से खिलाड़ियों की अपील और हमारी परदे के पीछे की कोशिशों को सफलता नहीं मिली।’
वहीं ईरान के अधिकारियों ने यातना के आरोपों को ख़ारिज किया है। अफ़कारी कुश्ती में नेशनल चैंपियन थे। ईरान में रेसलिंग सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है।