(प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने पांच राज्यों में नए समुदायों को जनजातीय सूची में शामिल करने का फैसले को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल के ट्रांसगिरि को ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, तमिलनाडू, कर्नाटक व उत्तर प्रदेश की जातियों को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की कई जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के द्रांस गिरि क्षेत्र के हट्टी समुदाय को भी अनसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने को मंजूरी दी है
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हाटी समुदाय की 50 वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करने की दृष्टि से एतिहासिक निर्णय हुआ है।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 12 समुदायों, कर्नाटक में एक, हिमाचल प्रदेश में एक, तमिलनाडु में एक और उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया और गोंड की 5 उपजाति धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है।
Read Also – 15 और 16 सितंबर को SCO शिखर सम्मेलन में उज्बेकिस्तान में होंगे पीएम मोदी
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले से छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजातियों में शामिल कराने के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ की 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मंजूरी दी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।
इसी के साथ उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड जाति को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है।गोंड की 5 उपजाति धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड है।केंद्र सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के करीब पांच लाख लोगों को फायदा मिलेगा।