नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने सतर्कता विभाग और एंटी करप्शन ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों के साथ आज बुधवार को दिल्ली सचिवालय में एक हाईलेवल समीक्षा बैठक की।
बैठक में राजधानी के सभी सार्वजनिक विभागों और उनसे सम्बद्ध कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ठोस उपाय करने के निर्णय लिए गए।
मुख्य सचिव ने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को पूरी दिल्ली के सार्वजनिक विभागों-कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए तत्काल अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
मुख्य सचिव ने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस अभियान में विभाग के उन्हीं अधिकारियों को लगाया जाए जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतरीन रहा हो और जिन पर सेवा काल के दौरान कभी किसी प्रकार के आरोप न लगे हों।
इन अधिकारियों के द्वारा सार्वजनिक विभागों के उन अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, जो किसी भी प्रकार से भ्रष्टाचार में लिप्त हों, या संबंधित कार्यालयों में दलालों-बिचौलियों को बढ़ावा देते हों। अधिकारियों को इन बिचौलियों-दलालों की पहचान करने के भी निर्देश दिए गये हैं।
मुख्य सचिव ने सभी विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने कार्यालयों में अविलंब सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए हैं, जिससे इन कार्यालयों में हर आने-जाने वालों पर कड़ी निगाह रखी जा सके।
किसी भी कार्यालय में किसी संदिग्ध व्यक्ति की बार-बार आवाजाही पर कड़ी नजर रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह साफ निर्देश दिया गया है कि जो भी अधिकारी किसी प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त पाए जाते हैं, उन्हें एंटी करप्शन की आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में आरोपी बनाया जाएगा।
अपराध की प्रकृति और गंभीरता के आधार पर ऐसे अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने और सेवा से मुक्त करने की ठोस कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।