बिहार चुनाव के पहले चरण में कौन सी पार्टी के कितने दिग्गजों की किस्मत दांव पर ?

नई दिल्ली (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): बिहार में पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर बुधवार को वोट डाले जाएंगे। इन 71 सीटों पर 1,066 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 114 महिलाओं की किस्मत दांव पर लगी है। इस इलाके से अगर महागठबंधन की उम्मीद टिकी हुई है, तो एनडीए की साख दांव पर है।

बिहार में पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पहले चरण की 54 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा और बाकी 17 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना नजर आ रही है।

पहले चरण में किस पार्टी के कितने उम्मीदवार ?

बिहार चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों में से तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन की ओर से आरजेडी 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसके सहयोगी कांग्रेस 21 और सीपीआई माले 8 सीटों पर चुनावी मैदान में है। वहीं, नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए की ओर से जेडीयू 35 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी 29, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा 6 और वीआईपी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है।


वहीं एनडीए से अलग होकर बिहार की सियासी रण में अकेले चुनाव लड़ने वाले चिराग पासवान की एलजेपी पहले चरण की महज 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें एलजेपी ने जेडीयू के खिलाफ 35 प्रत्याशी उतारे हैं जबकि छह हम और एक वीआईपी के प्रत्याशी को चुनौती दे रहे हैं। इसके अलावा पहले चरण में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी 43 सीटों पर मैदान में है और उसकी सहयोगी बीएसपी 27 सीटों पर किस्मत आजमा रही है।

ये हैं पहले चरण के बड़े नाम ?

पहले चरण में जिन बड़े नामों की क़िस्मत का फैसला होना है, उनमें जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, दिनारा से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह, लखीसराय से श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, चैनपुर से खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद, बांका से राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, जमालपुर से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, गया से कृषि मंत्री प्रेम कुमार और राजपुर से परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला शामिल हैं।

इसके अलावा, प्रमुख उम्मीदवारों में हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से मैदान में खड़े हैं।इसी क्षेत्र से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी आरजेडी के टिकट पर उनसे टक्कर ले रहे हैं।

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एलजेपी के दिग्गजों उम्मीदवारों में दिनारा से राजेंद्र सिंह, सासाराम से रामेश्वर चौरसिया और जगदीशपुर से भगवान सिंह कुशवाहा ने ताल ठोका है।जमुई से पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता विजय प्रकाश और तीरंदाज श्रेयसी सिंह बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

2015 के परिणाम पर एक नजर !

बिहार के पहले चरण की 71 सीटों के 2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों और वोट फीसदी के लिहाज से देखें तो मौजूदा एनडीए और महागठबंधन के बीच करीब 10 फीसदी वोटों का अंतर है। पिछले चुनाव में आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस ने मिलकर 54 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि बीजेपी महज 13 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी। हालांकि, इस बार समीकरण बदल गए हैं जेडीयू और बीजेपी एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में हैं।

बहरहाल पहले चरण की चुनावी लड़ाई में भावी बिहार की कप्तानी के लिए असल टीम यहीं से बनने-बिगड़ने वाली है। पहले चरण का चुनाव बहुत कुछ तय करने वाला माना जा रहा है।इन इलाके से अगर महागठबंधन की उम्मीद टिकी हुई है, तो एनडीए की साख दांव पर है। यही तय करेगा कि बिहार की राजनीति किस ओर जा रही है। माना जा रहा इस चरण में जिस पार्टी की नाव पार लग गई,उसके लिए आगे की लड़ाई आसान हो जाएगी।

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