बीएसपी के कुछ निलंबित विधायकों की सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ बैठक की खबरें सामने आने के एक दिन बाद, बीएसपी प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि यह एक भ्रम है।
ट्वीट्स की एक सीरीज में, उन्होंने समाजवादी पार्टी पर “संकीर्ण राजनीति” में विशेषज्ञ होने का आरोप लगाते हुए हमला किया।
उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, “समाजवादी पार्टी, जो घिनौनी जोड़तोड़, द्वेष और जातिवाद की संकीर्ण राजनीति में माहिर है, मीडिया के माध्यम से प्रचार कर रही है कि बसपा के कुछ विधायक सपा में शामिल होने के लिए अलग हो रहे हैं। यह एक गहन भ्रम है।“
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि उन विधायकों को एक दलित उम्मीदवार को हराने के लिए राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा और एक उद्योगपति के साथ मिलीभगत के लिए पार्टी से बहुत पहले निलंबित कर दिया गया था।
उन्होंने आगे कहा, “अगर सपा इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती, तो उन्हें बीच में नहीं रखती। सपा जानती है कि अगर ये विधायक उनकी पार्टी में शामिल हो गए, तो सपा में बगावत और फूट पड़ जाएगी, जिसके नेता बीएसपी में शामिल होने को आतुर हैं।“
“सपा हमेशा दलित विरोधी रही है और वे सुधार नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि सपा सरकार ने बसपा द्वारा किए गए कल्याण कार्यों को रोक दिया था। भदोही को संत रविदास नगर के रूप में नया जिला नहीं बनाया गया था, जो अत्यंत निंदनीय है, मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा।
1. घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रचारित करना कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं घोर छलावा। 1/5
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
2. जबकि उन्हें काफी पहले ही सपा व एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आराप में बीएसपी से निलम्बित किया जा चुका है। 2/5
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
3. सपा अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती। क्योंकि इनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं।
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
4. जगजाहिर तौर पर सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं। इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बन्द किया व खासकर भदोई को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला, जो अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
5.वैसे बीएसपी के निलम्बित विधायकों से मिलने आदि का मीडिया में प्रचारित करने के लिए कल किया गया सपा का यह नया नाटक यूपी में पंचायत चुनाव के बाद अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के चुनाव के लिए की गई पैंतरेबाजी ज्यादा लगती है।यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है जो जारी रहेगा
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
उन्होंने आरोप लगाया कि यादव के साथ बीएसपी के निलंबित विधायकों की बैठक को प्रचारित करने का ‘नाटक‘ आगामी जिला पंचायत चुनावों से पहले सपा द्वारा एक नया ‘स्टंट‘ है।
उन्होंने ट्वीट किया, “बीएसपी उत्तर प्रदेश में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली पार्टी बनकर उभरी है और आगे भी करती रहेगी।“
पिछले साल बीएसपी द्वारा निलंबित किए गए कम से कम पांच विधायकों ने मंगलवार को यादव से मुलाकात की, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि वे उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।