22 जुलाई से जंतर मंतर पर किसानों द्वारा किसान संसद चलाए जाने के आह्वाहन के बाद रविवार सिंघु बॉर्डर के पास एक बैंक्वेट हॉल में दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई। इस बैठक में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, जगजीत सिंह दल्लेवाल,डॉक्टर दर्शन पाल,योगेंद्र यादव समेत 8 से 10 किसान नेता मौजूद रहे, वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से जॉइंट सीपी, डीसीपी और एसीपी लेवल के अधिकारी बैठक में पहुंचे। दरअसल आगामी मॉनसून संसद सत्र के दौरान किसान संसद के पास जंतर मंतर में किसान संसद चलाना चाहते हैं, किसान नेताओं के मुताबिक 22 जुलाई से जब तक संसद में मॉनसून सत्र चलेगा तब तक हर रोज़ सिंघु बॉर्डर से 200 किसान जंतर मंतर जाएंगे और शांतिपूर्वक किसान संसद चलाएंगे, सभी को बाकायदा आईकार्ड दिया जाएगा और सबके पास अपना आधार कार्ड होगा जिससे अगर कोई भी शख्स अराजकता फैलाने की कोशिश करता है तो उसकी पहचान हो सके, लेकिन दिल्ली पुलिस बिल्कुल नहीं चाहती की मॉनसून सत्र के दौरान किसान दिल्ली में किसी प्रकार का प्रदर्शन करें और यही बात समझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने ये बैठक रखी थी, करीब सवा घंटे तक चली इस बैठक में किसान नेताओं ने अपना ये कार्यक्रम दिल्ली पुलिस को बताया लेकिन इसपर दिल्ली पुलिस ने कोई भी जवाब किसान नेताओं को नहीं दिया।
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बीती 26 नवंबर से तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन कर रहे हैं और लगातार सरकार पर अलग अलग तरीके अपनाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं इसी बीच 22 जुलाई से किसानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद चलाने का आह्वाहन किया है। किसानों के इस आह्वाहन के बाद दिल्ली पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए है, क्योंकि एक कहावत है कि दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है, और यही वजह है कि 26 जनवरी के मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में किसानों ने जो तांडव किया उसके बाद दिल्ली पुलिस बिल्कुल नहीं चाहती कि ऐसा कुछ दोबारा हो लेकिन बैठक खत्म होने के बाद किसानों की बॉडी लैंग्वेज साफ बता रही थी कि वो इस बार भी पीछे हटने को तैयार नहीं है, किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस को साफ कह दिया है कि वो जल्दी अपना जवाब दे।
हालांकि खबरें ये आ रही थी कि किसान 22 जुलाई को संसद का घेराव कर सकते हैं लेकिन आज की बैठक के बाद किसान नेताओं ने साफ किया है कि वो किसी प्रकार से संसद का घेराव नहीं करेंगे लेकिन वो जंतर मंतर पर किसान संसद ज़रूर चलाएंगे। लेकिन अब दिल्ली पुलिस के अधिकारी जो बैठक में मौजूद थे वह दिल्ली पुलिस कमिश्नर बालाजी श्रीवास्तव के साथ बैठक करेंगे और फिर दिल्ली पुलिस ये फैसला करेगी कि किसानों को जंतर मंतर पर किसान संसद चलाने की इजाज़त देनी है या फिर नहीं।