हिजाब बैन: अल्पसंख्यकों का बहुसंख्यकों पर विश्वास बना रहे, इससे अच्छा कुछ नहीं – वकील दुष्यंत दवे

(अवैस उस्मानी): हिजाब बैन के कर्नाटका हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुवनाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने दलील देते हुए संविधान के निर्माता डॉ अम्बेडकर के बयान को अदालत में पढ़ते हुए कहा कि अंबेडकर ने कहा था कि अल्पसंख्यक खतरनाक हो सकते हैं अगर उन्हे समाज से तोडा जाता है। अगर समाज से टूटेंगे तो सामाजिक ताने-बाना नष्ट हो सकता हैं। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा इस्लामिक देशों में अब तक 10,000 से ज्यादा आत्मघाती हमले हो चुके हैं, भारत में केवल एक आत्मघाती हमला हुआ, इसका मतलब है कि अल्पसंख्यकों को हमारे देश पर भरोसा है, दुष्यंत दवे ने कहा इराक, सीरिया में रोजाना आत्मघाती हमले की खबरें आती है लेकिन भारत में नहीं ऐसा नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा दूसरे देशो की अपेक्षा इस देश ने पुलवामा में केवल एक आत्मघाती हमले का सामना किया है, यह अल्पसंख्यक समुदायों का हम पर विश्वास दर्शाता है क्योकि बाकी देशों में कई हजार आत्मघाती हमले हुए है।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दुष्यंत दवे ने सरदार पटेल की संविधान सभा में दी स्पीच का हवाला देते हुए कहा कि पटेल कहना था कि इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यकों का बहुसंख्यकों पर विश्वास बना रहे आजकल लोग गांधी को भूलकर सरदार पटेल की बात करते है लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि सरदार पटेल ख़ुद बहुत सेकुलर थे। दवे ने कहा यह मामला ड्रेस के बारे में नहीं है, हम सैन्य स्कूलों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। हम नाजी स्कूलों के रेजिमेंट की बात नहीं कर रहे हैं। हम यहां प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों के बारे मे बात कर रहे हैं। वकील दुष्यंत दवे ने कहा हमारा देश एक खूबसूरत संस्कृति और परंपराओं से बना है। 5000 साल में हमने कई धर्म अपनाए हैं, दुनिया भर के इतिहासकारों ने कहा है, भारत वह जगह है जहां जो भी लोग आए वहां के लोगों ने उनको स्वीकार किया है। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा भारत ने हिंदू, बौद्ध, जैन धर्म को जन्म दिया, इस्लाम यहां आया और हमने अपना लिया। भारत ही एक ऐसी जगह है जहां अंग्रेजों को छोड़कर यहां आए लोग बिना किसी विजय के यहां बस गए।

 

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वकील दुष्यंत दवे ने कहा अगर किसी हिंदू को मुस्लिम से शादी करने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी पड़े तो यह विविधता में एकता कैसे होगी? आप प्रेम को कैसे बांध सकते हैं? वकील दुष्यंत दवे ने भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओ मुस्लिम नेताओं ने हिंदू से शादी की है। जब अकबर ने हिंदू महिला से शादी की तो अकबर ने उन्हें महल के अंदर प्रार्थना करने की अनुमति दी। हम देखते हैं कि औरंगजेब ने क्या किया, बेशक वह गलत था, हम उसकी निंदा करते हैं लेकिन क्या हम यही बनना चाहते हैं?वकील दुष्यंत दवे ने कहा अल्पसंख्यक समुदाय को हाशिए पर रखने का पैटर्न सा चल रहा है, हिजाब रीति रिवाज है, इस पर कोर्ट का फैसला ऐसा हो जिससे माहौल अच्छा हो।

याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा मेरे अपने बच्चे ईसाई मिशनरी स्कूलों में पढ़ते हैं और उन्होंने कभी कोई बाइबल घर नहीं लाया। और ये मिशनरी हैं जो शिक्षा देने के लिए दूर-दराज के इलाकों, पिछडे इलाको में गए हैं। दुष्यंत दवे ने कहा आज हमें लगता है कि अगर कोई प्यार करता है और शादी कर लेता है, तो हमें लगता है कि यह धर्म परिवर्तन का प्रयास है। मुझे नहीं पता हम किधर जा रहे है। दुष्यंत दवे ने कहा भले ही संविधान में प्रचार शब्द न भी हो, तो भी अनुच्छेद 19 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है। दुष्यंत दवे ने कहा बंधुत्व की भावना संविधान के स्वीकृत लक्ष्यों में से एक है। और सरकार ने इसे पूरी तरह से भुला दिया है।

याचिकाकर्ता की तरफ से वकील दुष्यंत दवे ने कहा सदियों से मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती आई हैं। अन्य देशों में, मलेशिया, अरब या अमेरिका में, मॉर्डन वर्ल्ड में भी मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनना चाहती हैं। वकील दुष्यंत दवे सिखों के लिए पगड़ी की तरह, मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब महत्वपूर्ण है, हिजाबी के साथ कुछ गलत नहीं है, यह उनका विश्वास है। कोई तिलक लगाना चाहता है, कोई क्रॉस पहनना चाहता है सभी का अधिकार है और यही सामाजिक जीवन की खूबसूरती है। आज दलील पूरी होने से पहले हिजाब समर्थक के वकील दुष्यंत दवे ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर दी।दुष्यंत दवे ने कहा ने प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर भी विभिन्न राज्यों की पगड़ी पहनते है। यह देश की विविधता और खूबसूरती को दर्शाता है।

 

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