रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय से जुड़े कई अहम फैसले किये हैं जिनका एलान खुद रक्षा मंत्री ने रविवार को किया। राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि 101 उपकरणों के आयात पर बैन लगाया गया है। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत में रक्षा मंत्रालय का बढ़ा फैसला ये हुआ है कि आयात प्रतिबंधों वाली 101 उपकरणों की सूची बनाई गई है जिनमें बख्तरबंद लड़ाकू वाहन AFV का नाम भी शामिल है।
रक्षा मंत्री के मुताबिक रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए एमओडी 101 से अधिक वस्तुओं पर आयात एम्बार्गो पेश करेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने बताया कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने जो लिस्ट बनाई है वह सेना, पब्लिक और प्राइवेट इंडस्ट्री से चर्चा के बाद तैयार की गई है। सिंह ने कहा, “इन 101 वस्तुओं में सिर्फ आसान वस्तुएं ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCHs, रडार और कई अन्य आइटम हैं जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं।” राजनाथ सिंह के मुताबिक, ऐसे उत्पादों की करीब 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स दिए थे। उनका अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय ने यह फैसला ऐसे वक्त में किया है जब पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव बरकरार है। कुछ फ्रिक्शन पॉइंट्स से चीनी सेना पीछे हटी है मगर देपसांग और पैंगोंग त्सो में टस से मस होने को तैयार नहीं। दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद, शनिवार को मेजर-जनरल स्तर की बातचीत शुरू हुई है। भारत ने साफ कहा कि देपसांग से चीन को अपने सैनिक वापस बुलाने होंगे।
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