(प्रदीप कुमार): जकार्ता में आयोजित जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के 8वें शिखर सम्मेलन (पी 20) के दौरान “प्रभावी संसद, जीवंत लोकतंत्र” विषय पर G-20 देशों की संसदों के अध्यक्षगण को सम्बोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोहराया कि भारत ने सदैव नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि इसी भावना से भारत ने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को अपनाने का आह्वान किया है, ताकि हम विश्व के समक्ष चुनौतियों के समाधान हेतु एकजुट हों और जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप समाधान निकाल सकें। उन्होंने आगे कहा अब जबकि भारत G-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, हम G-20 देशों के बीच अधिक एकजुटता और सहयोग हेतु भारत की प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं।
यह विचार व्यक्त करते हुए कि बदलते परिप्रेक्ष्य में प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ जनता का जुड़ाव और अधिक बढ़ा है, ओम बिरला ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मौजूदा पीढ़ी को संसद से जोड़ा जाए और इसीलिए युवाओं की संसद में सक्रिय भागीदारी के लिए संसद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि 75 वर्षों के लोकतंत्र की इस गौरवशाली यात्रा के दौरान हमारा लोकतंत्र और अधिक सशक्त और जीवंत हुआ है और हमारी संसद जनता के समावेशी, सामाजिक, आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
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इससे पहले “उभरते मुद्दे – खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, एवं आर्थिक चुनौतियां” विषय पर प्रस्तुत करते हुए ओम बिरला ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न अंतर्राष्ट्रीय अस्थिरता के कारण विश्व के समक्ष खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि इस कारण विकासशील देशों एवं समाज के कमजोर वर्गों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। जोर देकर कहा कि वैश्विक समस्याओं के उचित समाधान वैश्विक स्तर पर सामूहिक प्रयासों से हो और उचित दर पर तथा सतत रूप से खाद्य एवं ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए। स्पीकर बिरला ने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन संकट ने भी खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित किया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि विश्व के समावेशी विकास के लिए इस संघर्ष का आपसी बातचीत और राजनय के माध्यम से समाधान होना चाहिए।
खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने सुझाव दिया कि यह सभी संसदों की जिम्मेदारी है कि वे खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक विषयों पर अपनी सरकारों का ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नए विचारों, नई पहलों, बेस्ट प्रैक्टिसेज़ के निरंतर आदान-प्रदान से हम एक बेहतर और रेजिलिएंट अर्थव्यवस्था के निर्माण में सफल होंगे।
इस अवसर पर ओम बिरला ने जकार्ता में फुटबॉल मैच के दौरान हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इससे पहले लोक सभा अध्यक्ष ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारतीय संसदीय दल का नेतृत्व किया। इस सत्र में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति एच.ई. जोको विडोडो, अंतर-संसद संघ के अध्यक्ष एच.ई. डुआर्टे पाचेको, इंडोनेशिया की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष डॉ. (एचसी) पुआन महारानी और G 20 समूह की संसदों के अध्यक्षों ने उद्घाटन सत्र में भाग लिया।
सम्मेलन के दौरान श्री बिरला ने इंडोनेशिया की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष डॉ. (एचसी) पुआन महारानी; और मिल्टन डिक, अध्यक्ष, प्रतिनिधि सभा, ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लिया और परस्पर हितों के मुद्दों पर बातचीत की।
नामीबिया के अध्यक्ष से चीतों पर हुई बात
पी-20 सम्मेलन के दौरान स्पीकर बिरला की भेट नामीबिया की नेशनल कौंसिल के अध्यक्ष लुकास सिनिम्बो मुहा से भी हुई। इस दौरान दोनों के बीच हाल ही में नामीबिया से भारत लाए गए चीतों से लेकर अन्य विषयों पर बातचीत हुई।