GST काउंसिल की 42वीं बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले

दिल्ली। (रिपोर्ट- तरुण कालरा) वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 42वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्यों को आज देर रात 20 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी भुगतान कर दिया जाएगा। केंद्र को कम्पेनसेशन सेस से मिले 20,000 करोड़ रुपयों का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बैठक में केंद्र के प्रस्ताव से 20 राज्य सहमत थे, लेकिन कुछ राज्यों ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। एक तरह से बैठक में जीएसटी मुआवजा का नहीं मुद्दा सुलझ पाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आगे बैठक में फिर अनसुलझे मुद्दों पर बात होगी।

कोरोना संकट के कारण है ऐसी स्थिति:-

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम राज्‍यों को मुआवजे की राशि से इनकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। ऐसी स्थिति की पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी। मौजूदा हालात इस तरह का नहीं है कि केंद्र सरकार फंड पर कब्‍जा करके बैठी है और देने से इनकार कर रही है, फंड उधार लेना होगा।

उन्होंने कहा कि बिहार के वित्‍त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया है कि उधार लेने के विकल्‍प पर सभी को फिर से मिलकर बात करनी चाहिए। इसलिए 12 अक्‍टूबर को फिर मिलेंगे और इस समस्या पर बातचीत होगी।

कम्पनसेशन सेस आगे भी रहेगा जारी:-

निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक में यह तय हुआ है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पनसेशन सेस को 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। यानी कार, सिगरेट जैसे प्रोडक्ट पर कम्पनसेशन सेस आगे भी लगता रहेगा, राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नियम के मुताबिक यह जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पांच साल तक लगना था।

गौरतलब है कि राज्य करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी का बकाया मुआवजा देने की केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं। इसके बदले में केंद्र ने उन्हें उधार लेने के दो विकल्प दिए हैं, लेकिन केंद्र की इस पेशकश को लेकर राज्य बंटे हुए हैं।

क्या है मुआवजे का गणित:-

राज्यों का करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार का गणित यह है ​कि इसमें से करीब 97,000 करोड़ रुपये का नुकसान ही जीएसटी लागू होने की वजह से है, बाकी करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से है।

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