पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आज नमामि गंगे मिशन के तहत उत्तराखंड में छह मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। परियोजनाओं में प्रति दिन 68 मिलियन लीटर या MLD सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, जगजीतपुर में मौजूदा 27 MLD का उन्नयन और हरिद्वार में सराय में 18 MLD सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शामिल है। 68 MLD जगजीतपुर परियोजना का उद्घाटन सार्वजनिक निजी भागीदारी के संकर वार्षिकी मोड पर उठाए गए पहले सीवेज उपचार परियोजना के पूरा होने की भी उम्मीद है।
पीएम मोदी नेे ऋषिकेश के लक्कड़घाट में 26 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी उद्घाटन किया। हरिद्वार–ऋषिकेश क्षेत्र गंगा नदी में लगभग 80 प्रतिशत अपशिष्ट जल का योगदान करता है। ये पौधे गंगा नदी को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुनि की रेती शहर में, चंद्रेश्वर नगर में 7.5 MLD संयंत्र देश में पहला चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट होगा जहां भूमि उपलब्धता की सीमा एक अवसर में परिवर्तित हो गई थी।
प्रधानमंत्री ने चिरानी में 5 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी उद्घाटन किया और दो प्लांट एक एमएलडी की क्षमता वाले और .01 एमएलडी बद्रीनाथ में उद्घाटन किया। उत्तराखंड में गंगा नदी के पास 17 शहरों से प्रदूषण की देखभाल के लिए सभी 30 परियोजनाएं अब पूरी हो गई हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रधान मंत्री ने गंगा नदी में किए गए संस्कृति, जैव विविधता और कायाकल्प गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित गंगा के पहले संग्रहालय “गंगा अवलोचन” का भी उद्घाटन किया। संग्रहालय चंडी घाट, हरिद्वार में स्थित है।
आयोजन में नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एंड वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट द्वारा सह–प्रकाशित एक पुस्तक, book रोइंग द गंगा ’को लॉन्च किया गया। यह रंगीन पुस्तक गंगा नदी की जैव विविधता और संस्कृति को मिलाने का एक प्रयास है। जल जीवन मिशन का लोगो और ats मार्ग जीवनिका ग्राम पंचायतों के लिए और जल जीवन मिशन के तहत पाणी समितियों ’का भी प्रधानमंत्री द्वारा अनावरण किया गया।
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