पीएम मोदी और श्रीलंकाई पीएम महिंदा राजपक्षे आज एक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में मुलाकात करेंगे। शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी की पड़ोसी देश के साथ ऐसी पहली डिप्लोमेट एंगेजमेंट होगी और इस साल अगस्त में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद राजपक्षे की किसी विदेशी देश के नेता के साथ पहली राजनयिक बैठक होगी।
भारत– श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों को नियमित उच्च स्तरीय आदान–प्रदान द्वारा चिह्नित किया जाता है। इस तरह के आदान–प्रदान ने पारस्परिक सहयोग और संबंधों को गति प्रदान की है जो प्रकृति में बहुआयामी हैं और वाणिज्य, सुरक्षा, रक्षा, संस्कृति और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में हैं।
COVID-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में एक आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन, दोनों पड़ोसी देशों के बीच गहरे निहित सभ्यतागत संबंधों और साझा विरासत की गवाही देता है। यह भारत के नेबरहुड फर्स्ट ’दृष्टिकोण और SAGAR सिद्धांत का भी प्रतिबिंब है।
शिखर सम्मेलन दोनों नेताओं को दोनों देशों के बीच समय–परीक्षण के अनुकूल संबंधों के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक ढांचे की व्यापक समीक्षा करने का अवसर देगा और प्रमुख मुद्दों पर एक मजबूत और गहन सहयोगात्मक साझेदारी के लिए व्यापक राजनीतिक दिशा देगा। इससे दोनों देशों के आपसी हित भी मजबूत होंगे।
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