हरियाणा में पुरुष कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने पर एक बार फिर हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। भले ही आयोग ने 7 अगस्त की परीक्षा संपन्न होने के बाद ही परीक्षा रद्द कर दी हो लेकिन विपक्ष सरकार से पेपर लीक के मामलों पर चुप्पी तोड़ने की मांग कर रहा है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि 7 साल में 28 सरकारी नौकरियों की भर्ती का पेपर लीक हुआ है। कांग्रेस ने हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन को बरखास्त करने और हाईकोर्ट की देखरेख में सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं एनएसयूआई ने हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन के बाहर पेपर लीक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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वहीं हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है और मामले के तह तक जाने की मांग की है। पुलिस ने भी इस मामले में अब तक पर्चा लीक के कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हरियाणा सरकार के मंत्री बनवारी लाल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है उनका काम बस आरोप लगाना है– पेपर लीक मामले की जांच चल रही है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और जल्द ही सजा भी मिलेगी।
हरियाणा में सरकारी नौकरियों में भर्ती की परीक्षा में पेपर लीक होने की बार–बार की घटनाओं से कर्मचारी चयन आयोग के साथ सरकार की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि पकड़े गए आरोपियों के खुलासे से साफ है कि 18 लाख रूपए में आंसर की खरीद कर सरकारी नौकरी पाने वाले व्यक्ति से ईमानदारी की उम्मीद कैसे की जा सकती है। सवाल ये भी उठता है कि भ्रष्टाचार के जरिए भर्ती होने वाले क्या सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर कभी खरे उतर पाएंगे।