कोरोना संकट से उबरने के बाद दो साल बाद रविवार से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं फिर शुरू हो गयी हैं। इसके लिए देश के हवाईअड्डे और एयरलाइन कंपनियां पूरी तरह से तैयार हैं। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू होने से इस क्षेत्र को विकास की उड़ान भरने में मदद मिलेगी।
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नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को उम्मीद है कि नियमित अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा फिर शुरू होने के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में यात्रियों की संख्या में बड़ा उछाल आएगा। दोबारा अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू होने को लेकर भारतीय एयरलाइन कंपनियों के साथ ही अमीरात, वर्जिन अटलांटिक सहित विभिन्न विदेशी एयरलाइन कंपनियां भी उत्साहित हैं। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन के लिए कोविड दिशा-निर्देशों को भी संशोधित किया है। मेडिकल इमरजेंसी के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में तीन सीटों को खाली रखने की आवश्यकता को हटा दिया गया है। इसके साथ ही चालक दल के लिए पूर्ण पीपीई किट रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने 23 मार्च, 2020 को भारत में निर्धारित अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया था। हालांकि जुलाई 2020 से एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और 37 देशों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती रही हैं।
DGCA में 40 देशों की 60 विदेशी एयरलाइन्स ने उड़ान भरने के लिए आवेदन किया है। समर शेड्यूल के हिसाब से उड़ान की मंजूरी के लिए इजाजत मांगी गई है। इन फ्लाईट्स का शेड्यूल 27 मार्च से 29 October तक रहेगा। भारत से और भारत के लिए 1783 उड़ानों को मंजूरी मिली है। 6 इंडियन एयरलाइन्स 27 देशों के 43 स्थानों के लिए सप्ताह में 1466 फ्लाइट्स ऑपरेट करने जा रही हैं। कुछ नई एयरलाइन्स भी देश में ऑपरेशन शुरू करेंगी, जिसमें Salam Air, Air Arabia Abu Dhabi, Quantas और American Airline शामिल हैं।