रोहतक (देवेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)– जिला रोहतक के गांव पहरावर में खेल स्टेडियम की हालत बद से बदतर है जिसके चलते यहां सुबह शाम प्रैक्टिस करने वाले युवाओं और बच्चों में काफी रोष देखने को मिला है। स्टेडियम का निर्माण तो शुरू किया लेकिन दयनीय हालत में छोड़ अब अधिकारी और कर्मचारी इसे पूरा करने का नाम नहीं ले रहे हैं। संतरी से मंत्री तक गुहार लगाते लगाते युवा थक चुके हैं । इनका आरोप है कि स्टेडियम के लिए 2 करोड रुपए का बजट निर्धारित करने के बाद भी इसमें लीपापोती की गई है और स्टेडियम को पहले से भी बदतर बना दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि स्टेडियम को जल्द दुरुस्त किया जाए ताकि वह सुबह शाम यहां अभ्यास कर सकें।
ग्रामीण युवा कुश्ती खिलाडी पंकज कौशिक ने स्टेडियम के हालात के बारे में जानकारी देते हुए बताया की प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 4 साल पहले 2 करोड रुपए खर्च करने के लिए बताया था जिसमें पहले मिट्टी का भरत करना था वह भी आधा तो ग्रामीण में ही कर दिया था और आधा मिट्टी भरने का काम सरकार द्वारा करवाया गया है ।लेकिन इसके बाद स्टेडियम को दयनीय हालत में छोड़ दिया है ।ट्रैक के नाम पर सिर्फ दिखावा है जिस पर केवल रोड़ी डाल दी गई जिसकी हालत पहले बने ट्रैक से भी खराब हो गई है।
हालात तो ऐसे हैं कि इस पर दौड़ना तो दूर की बात पैदल चलना भी दूभर हो रहा है । पंकज ने बताया कि पूरे स्टेडियम में झाड़ियां और दो-दो फुट घास खड़ी है ऐसी स्थिति में खिलाड़ी स्टेडियम में कैसे खेल सकते हैं । उन्होंने मांग की है कि सरकार इस और ध्यान दें और स्टेडियम को खिलाड़ियों के खेलने लायक बनाए ताकि ग्रामीण बच्चे खेल क्षेत्र में आगे बढ़ सके।
Also Read- हरियाणा में अब नहीं होगा कोई भी लॉकडाउन, सभी दिन खुलेंगे बाजार और दुकानें
गांव के ही एक एथिलीट विनीत शर्मा ने बताया कि गांव में खेल में रुचि रखने वाली बहुत सारी प्रतिभाएं हैं ।लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि स्टेडियम की हालत खराब है कई युवा और बच्चे सुबह शाम गांव के साथ से गुजरने वाले दिल्ली हिसार हाईवे पर दौड़ लगाने के लिए जाते हैं जिसमें कई युवाओं की हादसे में जान तक चली गई है। जिसके बाद हर समय खतरा बना रहता है। स्टेडियम की हालत सुधरवाने के लिए उन्होंने अधिकारियों और मंत्री तक गुहार लगाई है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है ।
इस इलाके में कांग्रेस की एमएलए शकुंतला खटक तो कभी इस और ध्यान ही नहीं देती, रही बात बीजेपी सरकार की तो इसमें भी उनकी कोई नहीं सुनता है ।उन्होंने आरोप लगाया कि स्टेडियम निर्माण के लिए सरकार की तरफ से दो करोड़ खर्च करने की घोषणा की गई थी लेकिन हद की बात है है कि इसमें अभी तक पांच लाख भी खर्च नहीं हुआ है और काम बंद कर दिया गया है ।उन्हें समझ नहीं आता कि आखिर वह दो करोड़ रूपया किस खाते में गए हैं। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि नेता लोग वोट लेने के लिए तो ग्रामीणों के पास आते हैं लेकिन सुविधाएं देने के नाम पर कोई बात तक नहीं करता।
खेल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण के बाद कहा था कि खेल जीवन का प्रतिबिंब होते हैं अब उनकी सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जा रहे खेल स्टेडियम की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीणों का खेल कैसा होगा।