हरियाणा। (रिपोर्ट- श्याम बाठला) दुनिया में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। इसके चलते तीज त्योहारों की रौनक भी फीकी पड़ती जा रही है। हरियाणा में गणेश चतुर्थी के दिन लोगों ने बहुत ही सादगीपूर्ण तरीके से भगवान श्री गणेश की अपने घरों में स्थापना और पूजा पाठ की। अबकी बार पिछले त्योहारों की अपेक्षा बहुत ही सादा तरीके से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया।
गणेश चतुर्थी पर इस बार केवल कोरोना ही प्रदूषण का भी असर देखने को मिला है। बढ़ते प्रदूषण के चलते इस बार पीओपी नहीं मिट्टी से गणपति जी की प्रतिमाएं बनाई गईं। वहीं त्योहार पर कोरोना का असर ऐसा था कि इस बार गणपति जी की स्थापना पर भक्तगढ़ ढोल नगाड़ों की थाप पर थिरकते नहीं, बल्कि मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे।
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी की मार ने अब हमारे तीज त्योहारों की रौनक भी छीन ली है। इसी कड़ी में श्री गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर रेवाड़ी में इस बार गणपति स्थापना के दौरान श्रद्धालु कोरोना के चलते ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते – गाते नहीं बल्कि मुंह पर मास्क लगाकर पूजा अर्चना करते नजर आए। लेकिन उनकी इस त्यौहार के प्रति श्रद्धा में कोई कमी नजर नहीं आईं।
आपको बता दें, कि हर वर्ष रेवाड़ी में श्री गणेश चतुर्थी के दिन अपने घरों में श्री गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना को लेकर श्रद्धालुओं में काफी जोश खरोश होता था। मन्दिरों में गणपति जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद उन्हें बड़े श्रद्धाभाव से घरों में स्थापित किया जाता था लेकिन इस बार मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद घरों में स्थापना करने से पहले न तो पहले जैसी श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई और न ही पहले के जैसे ढोल नगाड़े बजते नजर आए।
मंदिर के पुजारी ने गणपति की मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करवाई और फिर श्रद्धालुओं को उनके गणपति जी के साथ घरों में प्रतिमा स्थापना के लिये विदा कर दिया। उन्होंने श्री गणेश चतुर्थी की लोगों को शुभकामनाएं दी और ये प्रार्थना की कि गणपती जी इस देश दुनिया के लोगों पर अपनी कृपा करें और इस महामारी का अंत करें।