प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – बिहार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “आज बिहार ने वो कर दिखाया जो देश को करना है।हम लोगों ने सदन से लेकर सड़क तक बेरोजगारी की लड़ाई लड़ी है।मुख्यमंत्री जी के निर्णय से हम लोगों को एक मौका मिला है की जनता और नौजवानों के दुख दर्द को दूर कर सकें। रोजगार को लेकर हमारी मुख्यमंत्री जी से बात हुई है और 1 महीने के अंदर बिहार में लोगों को ऐसी बंपर नौकरियां मिलेगी जो किसी और राज्य में नहीं हुआ होगा“
शपथ ग्रहण के दौरान राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की पत्नी और उनका परिवार राजभवन में मौजूद रहा।हालांकि, लालू यादव दिल्ली में होने के चलते शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो सके। शपथ ग्रहण से पहले नीतीश कुमार ने लालू यादव से फोन कर राज्य के राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी दी। इस दौरान लालू यादव ने उन्हें बधाई दी और उनके फैसले का स्वागत किया।
बिहार सरकार में विभागों को लेकर फॉर्मूला भी तय हो गया है। गृह मंत्रालय नीतीश कुमार अपने पास ही रख सकते है। पिछली सरकार में जेडीयू के पास जो मंत्रालय थे, वे उस पर ही रहेंगे जबकि बीजेपी के पास जो मंत्रालय थे, वे आरजेडी–कांग्रेस को दिए जाएंगे वहीं, जीतन राम मांझी के पास इस बार वहीं मंत्रालय रहेंगे, जो अभी उनके पास थे।
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इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के कदम पर नाराजगी जताते हुए बीजेपी ने उनपर धोखा देने का आरोप लगाया है। इसके खिलाफ आज सभी जिलों में जेडीयू के खिलाफ बीजेपी ने महाधरना आयोजित किया
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि “आज ‘पलटूराम‘ ‘कलटूराम‘ बन गए. मुझे पता चला कि लालू यादव ने नीतीश कुमार को बधाई दी है।गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू यादव ने एक बार ट्वीट किया था कि वे एक सांप हैं,जैसे सांप अपनी त्वचा छोड़ता है, वे अपना गठबंधन छोड़ देते हैं और हर 2 साल में नया गठबंधन कर लेते हैं।“
वही बीजेपी सांसद और राज्य में पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को आरजेडी वह सम्मान नहीं देगा, जो उन्हें बीजेपी ने दिया। हमने ज्यादा सीटें हासिल करने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और कभी भी उनकी पार्टी तोड़ने की कोशिश नहीं की। आरसीपी सिंह के माध्यम से जेडीयू तोड़ने की बात झूठ है।
बहरहाल नई सरकार के समक्ष चुनौतियां भी होंगी। कहा जा रहा है कि केंद्र की नजर अब टेढ़ी हो सकती है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार व आरजेडी नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दबाव बढ़ सकता है।