88 वर्ष की उम्र में पहलवान सज्जन सिंह को मिला ध्यान चंद लाइफ अचीवमेंट अवार्ड

चरखी दादरी(प्रदीप साहू): करीब एक दशक तक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहलवानी में लोहा मनवा चुके और देश के लिए अनेकों मेडल देने वाले दादरी के 88 वर्षीय पहलवान सज्जन सिंह को ध्यान चंद लाइफ अचीवमेंट अवार्ड मिला है।

राष्ट्रपति से अवार्ड लेने के बाद पहलवान को उनके पैतृक गांव समसपुर में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों द्वारा सम्मानित किया गया। हालांकि उम्र के इस पड़ाव में पहलवान के परिवार को काफी दौड़-धूप करनी पड़ी।

आपको बता दें, गांव समसपुर निवासी 88 वर्षीय पहलवान सज्जन सिंह को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा ध्यान चंद लाइफ अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

पहलवान सज्जन सिंह वर्ष 1960 में रोम ओलंपिक सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर कई पदक जीत चुके हैं।

पहलवान व सेवानिवृत कोच सज्जन सिंह को राष्ट्रपति द्वारा ध्यान चंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिए जाने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है।

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पहलवान सज्जन सिंह को सरकार द्वारा पहली बार सम्मानित किया गया है, उनकी इस उपलब्धि पर ग्रामीणों द्वारा खुली जीप में बुजुर्ग पहलवान को समारोह स्थल तक लाया गया और आयोजित कार्यक्रम मेें उन्हें सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह में आसपास के गांवों से भी ग्रामीण पहुंचे थे। परिजनों के अनुसार पहलवान सज्जन सिंह ने भारतीय सेना में रहते हुए वर्ष 1960 में रोम ओलिंपिक में भाग लिया था।

इसके साथ ही वे करीब एक दशक तक एशियन गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स, वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भी भाग ले चुके हैं। इन प्रतियोगिताओं में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कई पदक जीते थे।

कोच सज्जन सिंह अपने बेटे कृष्ण कुमार व पौत्र पीयूष ने बताया कि सज्जन सिंह वर्ष 1951 में भारतीय सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे।

रेसलिंग में उनके प्रदर्शन को देखते हुए उनका चयन वर्ष 1960 में रोम ओलंपिक के लिए हुआ। सेना में रहते हुए ही एशियन गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स व वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भाग लिया।

वर्ष 1979 में वे भारतीय सेना से मानद कैप्टन के पद से सेवानिवृत हुए। वर्ष 1980 से 1993 तक उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत बतौर कुश्ती कोच उन्होंने सेवाएं दी।

कई उपलब्धियों के बावजूद अभी तक केंद्र या प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया गया था। वहीं युवा नेता अजीत फौगाट ने कहा कि उम्र के आखिरी पड़ाव में सरकार ने सूध ली तो 88 वर्ष की उम्र में सज्जन सिंह को अवार्ड मिला है। यह सम्मान पूरे क्षेत्र के लिए गौरव है।

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