नई दिल्ली (रिपोर्ट- कुलदीप शर्मा): राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने कोरोना का खतरा बढ़ा दिया है। इस बीच कोरोना को लेकर नेशनल कंट्रोल फॉर डिसीज कंट्रोल ने दिल्ली को चिंता में डालने का अनुमान लगाया है। केंद्र सरकार की इस संस्था के मुताबिक आने वाले दिनों में दिल्ली में कोरोना के रोजाना 15000 नए केस सामने आ सकते हैं।
इसके लिए प्रदूषण , सर्दी और त्योहारों के सीजन को बड़ी वजह बताया है। लेकिन इससे भी बड़ी चिंता की बात ये है कि दिल्ली सरकार कोरोना के इस आने वाले कहर को काबू नहीं कर पाएगी। इस अनुमान की सही और गलत की बहस में न पड़ते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने साफ कहा है कि फिलहाल सरकार का सिस्टम रोजाना 15000 नए मामलों को संभालने के लिए तैयार नहीं है।
इस अनुमान के बाद दिल्ली सरकार ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। और कहा है कि लोग मास्क जरूर लगाएं क्योंकि मास्क कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचाव करने में काफी कारगर है। वहीं दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी है। सरकार पराली के प्रदूषण को कम करने से लेकर प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई कदम उठा रही है। हालांकि सरकार कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ इंतजाम बढ़ाने की भी बात कर रही है।
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दिल्ली में फिलहाल कोरोना के नए मरीजों का आंकड़ा 2000 से लेकर ढाई हजार के बीच का है और दिल्ली में अब तक 1 दिन में नए मरीजों का आंकड़ा साढ़े चार हजार तक पहुंचा है। दिल्ली के अस्पतालों में फिलहाल कोरोना के मरीजों के लिए 16000 बेड का इंतजाम है जिनमें काफी बेड अभी भी खाली हैं। लेकिन अगर 1 दिन में दिल्ली में कोरोना के 15000 नए मामले सामने आने लगे तो फिर सरकार के बेड भी कम पड़ जाएंगे और इंतजाम भी। ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि उस हालात में राजधानी दिल्ली में कोरोना के मरीजों का इलाज कैसे होगा।