प्रदीप कुमार की रिपोर्ट– कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को हरियाणा की मनोहर सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा। रणदीप सुरजेवाला ने सीएमआईई के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में नंबर एक पर लगातार बना हुआ है। नौकरियों में भ्रष्टाचार और घोटालों में हर महीने एक नया खुलासा हो रहा है, पर उस सबके बावजूद सरकार भर्ती घोटालों में असली गुनहगारों को बचाने में लगी है। हरियाणा में बेरोजगारी दर 34.5 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जो देश की बेरोजगारी से चार गुना है। पेपर खुले आम मंडी में बिक रहे हैं और युवाओं का भविष्य “अटैची सरकार” ने बेच डाला है।
गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी का दंश झेल रहा युवा
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण ही आज हरियाणा का युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। सरकारी आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में कुल 7.60 लाख पदों में से लगभग 43 प्रतिशत यानी 3.32 लाख पद खाली पड़े हैं, जो बेरोजगारों के प्रति सरकार के रवैये को बताने के लिए काफी हैं। जहाँ–जहाँ सरकारी पदों के लिए इंटरव्यू और लिखित परीक्षाएं होती हैं वहां भी योग्यता की बजाए पैसे और सिफारिश का खेल खुलेआम चल रहा है। इस सरकार ने नौकरियों में भ्रष्टाचार का नया रिकॉर्ड बनाया है। यह समझ से बाहर है कि सरकार बार– बार मांग के बावजूद भर्ती घोटालों में असली गुनहगारों को क्यों बचा रही है।
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रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह बेहद ही शर्मनाक है कि रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और बेरोजगारी के बीच इस सरकार की शह पर ही पेपर लीक माफिया फल–फूल रहे हैं। आजकल उद्योगों से बिजली गायब है, हरियाणा में बीते दो महीने में ही लगभग पांच लाख लोग बेरोजगार हो चुके हैं। बिजली किल्लत के कारण प्रदेश में रोजगार ठप पड़े हुए हैं जिस कारण भी लोगों की नौकरियां जा रही हैं।
हरियाणा में खट्टर सरकार का चाल-चरित्र बेनकाब
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में लोकसेवा आयोग और एचएसएससी में साढ़े आठ साल से हो रहे घपलों और घोटालों ने खट्टर सरकार के चाल–चरित्र और चेहरे को बेनकाब करके रख दिया है।
मुख्यमंत्री से सीधा सवाल करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तथाकथित मेरिट पर भर्ती करने वाले हरियाणा लोकसेवा आयोग और ईमानदार–पारदर्शी खट्टर–दुष्यंत सरकार को एचसीएस प्री व डेंटल सर्जन परीक्षा रद्द करने में सात महीने क्यों लगे? सरकार किसको बचा रही थी? केवल एक डिप्टी सेक्रेटरी क्या इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे सकता है ? उसके पीछे असली ताक़त कौन थी, जिसे बचाने के फेर में सरकार बुरी तरह बेनक़ाब हो गई है?
रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि इतने घपले व घोटालों के बावजूद हरियाणा लोकसेवा आयोग और एचएससी को भंग करके इसकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जाँच क्यों नहीं कराई जा रही है? दोबारा होने वाली परीक्षाओं में नए बच्चों को फार्म भरने का अवसर न देकर सरकार हज़ारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कैसे कर सकती है? पिछले एक साल में बीए और बीडीएस पास करने वाले छात्रों के संवैधानिक अधिकार को क्यों छीना जा रहा है?
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमारी सरकार आते ही पहली कलम से ये जाँच करा के दोषियों को सलाख़ों के पीछे भेजा जाएगा।